भोपाल। ऑफिस में यदि आपको किसी टीम का लीडर बनाया जाता है तो आपको बिना किसी भय के टीम का नेतृत्व संभालना होगा। प्रोफेशनल लाइफ में सफल होने की चाह है तो सबसे पहले भय और डर को बाहर निकालना होगा। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि समय-समय पर फीडबैक लेते रहें। कांउसलर शबनम खान बताती है कि इसी तरह यदि कोई व्यवसाय शुरू करने जा रहे हैं तो नई जिम्मेदारियों से घबराए नहीं बल्कि अपने कौशल को विकसित करने पर ध्यान दें। कई बार कार्यस्थल का माहौल इतना नकारात्मक होता है कि कर्मचारियों का प्रदर्शन गिरने लगता है। इसलिए किसी आशंका या डर से घबराने की बजाय सामना करें।
विफलता का भय
कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से परफेक्ट नहीं होता है, सभी में कुछ न कुछ कमियां होती है लेकिन सफल वहीं होता है, जो विफलता से कुछ सीख लें। यदि आप किसी व्यवसाय को संभाल रहे हैं तो यहां मिलने वाली विफलताओं से घबराएं नहीं, बल्कि उनसे कुछ सबक लें। इसी तरह यदि किसी नए तरह के प्रोजेक्ट को लेकर आपकी टीम में कोई आशंका है तो प्रोजेक्ट देने से पहले अपनी टीम के यह अवश्य पूछें कि वे नए प्रोजेक्ट के लिए तैयार हैं या नहीं। साथ ही टीम के कौशल को बढ़ाने पर भी ध्यान दें। एक मैनेजर के रूप में खुला संवाद रखें।
अपनी उलझन को दूर करें
यदि काम को लेकर मन में किसी तरह की उलझन या घबराहट हैं तो इसे अपने सीनियर्स और मैनेजर्स के सामने जाहिर न होने दें। इससे आपकी क्षमताओं पर संशय किया जाने लगेगा। 'पर्सनेलिटी एवं सोशल साइकोलॉजी' जर्नल के एक अध्ययन से यह सामने आया है कि काम के दौरान घबराहट होना एक अच्छा संकेत हैं। इससे आप सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं लेकिन यह कुछ दिनों के लिए ही ठीक है। इसलिए अपनी उन कमियों पर ध्यान दें, जिनकी वजह से आपको काम का भय सताता हो।
बेहतर करने का करें प्रयास
ऑफिस में आपका प्रदर्शन काम के अनुसार तय होता है, आपने देखा होगा कि कुछ लोगों का प्रदर्शन बहुत बेहतर होता है, वे किसी भी काम को आसानी से पूरा कर लेते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अपनी क्षमताओं पर लगातार ध्यान देते हैं। अपने कौशल को सुधारने के लिए भी वे लगातार प्रयास करते हैं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो काम के भय को कभी दूर नहीं कर पाएंगे। इसलिए कुछ न कुछ नया सीखते हुए अपने आत्मविश्वास को मजबूत बनाने का प्रयास करें। फिर चाहें कोई नया प्रोजेक्ट हो या फिर नई टीम के साथ काम करना होगा,
एकाकीपन से बचें
नई टीम को मैनेज करने के लिए टीम सदस्यों को भी समझना जरूरी है। इससे आप कार्यस्थल के भय को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालांकि ऑफिस में सभी लोग एक से नहीं होते हैं। कुछ लोग काम में व्यस्त रहते हैं तो कुछ लोगों का स्वभाव बिल्कुल अलग होता है। वे कंपनी कल्चर में ठीक तरह से फिट नहीं हो पाते हैं। इसलिए कार्यस्थल के भय को दूर करने के लिए टीम से समय-समय पर संवाद करें और सभी लोगों को अपनी बात रखने का मौका दें
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