ग्वालियर। बेशक स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम की मदद लेकर शहर में चल रहे भू्रण जांच का मामला उजागर कराया हो, लेकिन इस खुलासे के आठ दिन बाद भी स्थानीय अफसर चुप्पी साधकर बैठे हैं। विभागीय अफसरों ने अब तक इस मामले में अपने स्तर पर पड़ताल शुरू नहीं की है। भू्रण जांच मामले में दो दलाल पकड़े जाने के बाद शहर में न तो सोनोग्राफी सेंटरों की जांच के लिए अभियान चला, न ही भू्रण जांच से जुड़े डॉक्टरों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में इस मामले को लेकर अब तक एक कागज इधर से उधर नहीं हुआ। राजस्थान की टीम तक कार्रवाई सिमटकर रह गई। इधर राजस्थान की धौलपुर पुलिस ने पकड़े गए दलालों के कॉल डिटेल के लिए एक स्पेशल टीम ग्वालियर भेजी है। जिससे कॉल डिटेल जल्द मिल सके और दलालों से संपर्क में रहने वालों को चिन्हित किया जा सके। फिलहाल राजस्थान पुलिस अशोक शर्मा तक नहीं पहुंच पाई है। सरगना की तलाश भी जारी है।
कसावट का दावा, फिर भी भ्रूण जांच
भू्रण जांच की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कसावट का दावा कर रहा है। बावजूद इसके ***** जांच के मामले सामने आ रहे हैं। गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) में सख्ती गई है। बिना गायनिकॉलोजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट के ***** जांच परीक्षण कर गर्भपात करवाए जा रहे हैं।
मोबाइल नम्बर की जांच, सामने आ सकते हैं बड़े नाम
पकड़े दलाल मदनमोहन और जितेन्द्र यादव के मोबाइल नम्बर ड्रेस किए जा रहे हैं। पता चला है कि इनमें मोबाइल में कई नर्सिंग होम के पीआरओ के नंबर दर्ज हैं। कॉल डिटेल मिलने के बाद बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। जिन नर्सिंग होम से इनका संपर्क था उनसे राजस्थान पुलिस कॉल डिटेल आने के बाद पूछताछ कर सकती है।
चल रही है कार्रवाई
"भू्रण जांच मामले में कार्रवाई चल रही है। पकड़े गए दलालों के कॉल डिटेल के लिए टीम भेज दी है।"
रघुवीर सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, धौलपुर राजस्थान
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