शिवपुरी. शहर में गहराए जल संकट के बीच मुंहमांगे रेट पर पानी बेच रहे प्राइवेट टैंकर वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन फरियादी मांग रहा है। जबकि शिकायत करने वाले शख्स को पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी से अपने कदम पीछे खींच रहा है। यही वजह है कि आदेश जारी होने के बाद भी प्रशासन अमल नहीं करवा पा रहा।
गौरतलब है कि शहर में प्राइवेट टैंकर का रेट 250 व 300 रुपए तय किया गया और यह आदेश जारी हुए लगभग एक माह का समय गुजर गया। बावजूद इसके शहर में किसी भी परिवार को प्रशासन द्वारा तय किए गए रेट में टैंकर नहीं मिला। इस संबंध में पूर्व कलेक्टर सहित वर्तमान कलेक्टर शिल्पा गुप्ता के साथ तीन बार बैठक हो गई, लेकिन उस निर्णय पर कोई अमल नहीं हो सका। क्योंकि प्रशासन व पुलिस के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि कोई फरियादी तो मिले, जो अधिक रेट में टैंकर लेने की शिकायत करे। जबकि सोशल मीडिया पर टैंकर ड्राइवरों के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिसमें वो 700 रुपए में टैंकर बेचने के साथ ही यह भी स्वीकार रहे हैं कि सभी इसी रेट में बेच रहे हैं। शहर के 14 प्राइवेट हाइड्रेंट भी कागजों में अधिग्रहण कर नपा व प्रशासन ने इतिश्री कर ली, जबकि वहां से अभी भी निजी टैंकर भरकर 700 में बिक रहे हैं।
अगले वर्ष भी सिंध के पानी के यहीं रहेंगे हालात
मड़ीखेड़ा डैम से शिवपुरी शहर तक पानी लाने की जलावर्धन योजना में जो काम किया गया, उसमें बड़ी खामियों के चलते इस साल तो कई दिनों के अंतराल में रुक-रुककर पानी मिलता रहा, लेकिन अगले साल भी स्थिति में बदलाव नहीं होगा। क्योंकि मड़ीखेड़ा के डूब क्षेत्र में डाली गई पाइप लाइन को बदलने के लिए नपा ने सिर्फ टेंडर ही किए हैं, उसका काम तो शुरू नहीं हुआ। अब बारिश शुरू हो गई है और सिंध का केचमेंट एरिया शिवपुरी ही नहीं मालवा क्षेत्र में अधिक है, इसलिए उसमें पानी का बढऩा जल्दी शुरू हो जाएगा। ऐसे में जब एक बार डूब क्षेत्र में पानी भरा, तो फिर अगले दस माह तक उसमें यदि लाइन फूट भी गई तो वो रिपेयर नहीं हो पाएगी। पानी होने की वजह से पैलरल पाइप लाइन का काम भी नहीं हो सकेगा।
गारंटी देने को तैयार नहीं ....
कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने कहा कि अधिक रेट में टैंकर लेने की कोई शिकायत तो करे, तब हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जब लेने वाला अधिक पैसे देने को तैयार है, तो फिर क्या कर सकते हैं?। कलेक्टर से जब कहा कि शिकायत करने वाले को यदि प्रशासन या नगरपालिका पानी दिलवाने की गारंटी ले, तो एक नहीं बल्कि दस शिकायत करने वाले मिल जाएंगे। लेकिन शहर में गहराए जल संकट को देखते हुए कलेक्टर भी गारंटी नहीं दे पाईं।
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