श्योपुर. जिला जेल के कैदी भी अब साबुन और अगरबत्ती बनाएंगे। कैदियों की आजीविका बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन जल्द ही आजीविका मिशन के सहयोग से जेल में साबुन व अगरबत्ती की लघु निर्माण इकाई लगाएगा। जिसके लिए तैयारी की जा रही है और जल्द ही एनआरएलएम के माध्यम से कैदियों को साबुन व अगरबत्ती बनाने की टे्रनिंग दिलाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिला जेल होने के बाद अब श्योपुर में सजायाफ्ता कैदी भी रहने लगे हैं। यही वजह है कि इन कैदियों को आजीविका से जोडऩे के लिए अब जेल प्रबंधन नवाचार करते हुए निर्माण इकाईयां शुरू करेगा। चूंकि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) द्वारा वर्तमान में स्वसहायता समूह की महिलाओं से साबुन व अगरबत्ती बनवाई जा रही है, लिहाजा जेल प्रबंधन एनआरएलएम का सहयोग लेकर पहले यहां कैदियों को ट्रेनिंग देंगे, जिसके बाद वे स्वयं निर्माण शुरू करेंगे।
प्रतिदिन मिलेंगे 120 रुपए
बताया गया है कि साबुन व अगरबत्ती बनाने का काम सजायाफ्ता कैदी ही करेंगे। जिन्हें प्रतिदिन 120 रुपए का मेहनताना भी मिलेगा। वर्तमान में 44 कैदी सजायाफ्ता हैं जबकि 77 विचाराधीन बंदी हैं। इस प्रकार जिला जेल में कुल 121 बंदीगण हैं।
जेल में साबुन व अगरबत्ती बनाने की इकाई शुरू कराने का प्रयास है, इसके लिए जिला पंचायत के एनआरएलएम से पहले कैदियों को ट्रेनिंग दिलाएंगे, उसके बाद निर्माण शुरू करेंगे।
वीएस मौर्य, जेलर, जिला जेल श्योपुर
दिव्यांग पेंशन में अब गरीबी रेखा का बंधन खत्म
समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत दिव्यांगजनों के लिए प्रदाय पेंशन योजना में गरीबी रेखा का बंधन समाप्त कर दिया है। इसके लिए विभाग द्वारा संशोधित पात्रता शर्तों के अधीन 6 वर्ष से 79 आयु के दिव्यांगों को 300 रुपए प्रतिमाह एवं 8 0 वर्ष से अधिक आयु होने पर 500 रुपए प्रतिमाह प्रति हितग्राही पेंशन की पात्रता होगी। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अवर सचिव ने समस्त संभागायुक्त, कलक्टर, आयुक्त नगर निगम, समस्त जिला पंचायत सीईओ, समस्त उप संचालक, जनपद पंचायत सीईओ एवं समस्त सीएमओ नपाध्यक्ष को पत्र लिखा है।
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