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Monday, August 5, 2019

आज मंगलवार है... हनुमान जी के भक्त भूलकर भी ना करें ये काम

भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी ( Hanuman ) का दिन मंगलवार माना जाता है। इस दिन हनुमान भक्त व्रत ( worship of lord hanuman ) रखते हैं। सारे भक्त व्रत सही तरीके से नहीं करते हैं। व्रत के नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने से फायदा से ज्यादा नुकसान होता है। आज हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी का व्रत करते समय क्या-क्या करना चहिए।

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इन नियमों का करें पालन

  1. मंगलवार और शनिवार का व्रत भगवान हनुमान को समर्पित करना चाहिए।
  2. मंगलवार का व्रत उन्हें करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह निर्बल हो।
  3. जिन लोगों की कुंडली में मंगल प्रबल है, उन्हें व्रत करने की मनाही नहीं है। उन्हें इससे सिर्फ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और ईष्टदेव की कृपा बनी रहती है।

क्या है व्रत

  1. शास्त्रों के मुताबिक मंगल के व्रत से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  2. यह व्रत सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को बढ़ाता है।
  3. संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत बहूत फलदायक है।
  4. इस व्रत से पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

व्रत की सही विधि

  1. यह व्रत लगातार 21 मंगलवार तक किया जाना चाहिए।
  2. व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व नित्य कर्म से निपूर्ण होकर नहा लेना चाहिए।
  3. नहाने के बाद बाद घर की ईशान कोण की दिशा में किसी एकांत स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करना चाहिए।
  4. लाल वस्त्र इस दिन पहनें और व्रत का संकल्प हाथ में पानी ले कर करें।
  5. पूजन स्थान पर घी का दीपक जलाएं और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर चमेली के तेल छीट दें।
  6. मंगलवार व्रत कथा पढ़ें, उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  7. सभी को व्रत का प्रसाद बांटकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
  8. पूरे दिन में सिर्फ एक बार भोजन करना चाहिए।
  9. रात्रि में सोने से पहले फिर एक बार हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।

व्रत की शाम ये करें काम

  1. शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी के मंदिर या घर में बनें में हनुमान की मूर्ति के सामने साफ आसन पर बैठना चाहिए।
  2. सरसों के तेल का चैमुखा दीपक जलाना चाहिए।
  3. इसके बाद अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए।
  4. सिंदूर के साथ चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए।
  5. दीपक दिखते समय हनुमान जी के मंत्रों का जप करना चाहिए।

ऊँ रामदूताय नम:
ऊँ पवन पुत्राय नम:

इन मंत्रों के बाद हनुमान चालीसा का जप करना चाहिए।

 



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