भोपाल . मैदा मिल से प्रभात चौक करीब एक किमी का रास्ता पहले बमुश्किल 5 मिनट में तय हो जाता था, लेकिन आज-कल इस रास्ते को तय करने में 25 मिनट लगते हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट का बेतरतीब काम और सुभाष आरओबी का अधूरा निर्माण इसकी सबसे बड़ी वजह है। शाम के वक्त इस रास्ते को पीक आवर्स माना जाता है। इस समय यहां पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) 25 हजार तक पहुंच जाता है। मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए कंपनी ने इंकम टैक्स ऑफिस तिराहे पर बड़े बैरिकेड्स लगाकर 30 फीट के रास्ते को मात्र 10 फीट का कर दिया है। आगे सुभाष आरओबी की निर्माण सामग्री बिखरी रहती है। कुल मिलाकर दोनों प्रोजेक्ट ने इस रास्ते को पीक ऑवर्स में भारी ट्रैफिक जाम पाइंट बनाकर रख दिया है। शाम के अंधेरे में लो फ्लोर, मिनी बस, चार पहियों से सटकर सैंकड़ों दो पहिया वाहन चालक निकलते हैं जिससे हादसे का अंदेशा बना हुआ है।
मेट्रो: लंबा चलेगा काम
मेट्रो कंपनी का दावा है कि मैदा मिल बेरिकेटिंग कॉलम खड़े करने के लिए बनाई गई है। इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को दी गई थी। कंपनी भले ही बेरिकेटिंग जल्दी हटाने का दावा कर रही है लेकिन ये काम अभी लंबा चलने वाला है। मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत एम्स से सुभाष नगर तक ऐसे आठ स्थानों पर काम चल रहा है। ऐसा ही कंस्ट्रक्शन इंदौर में चल रहा है लेकिन वहां एजेंसियों के समन्वय से जाम की समस्या पैदा नहीं हो रही है।
बारिश के चलते टली गर्डर लॉन्चिंग
हा लांकि ओला कैब कंपनी के सूत्रों ने बताया कि ओला कैब हर शहर में गूगल मैप के आधार कुछ डिजिटल टोल बनाती है, यह टोल स्थानीय प्रतिनिधि की सलाह पर ही बनाए जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब राजधानी के रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर किसी तरह को कोई टोल या पार्किंग शुल्क नहीं लिया जाता है तो डिजिटल टोल किस आधार पर तय किया गया।
हमारा काम 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। मौके पर गर्डर लॉन्चिंग होते ही सड़क बना दी जाएगी जिससे यातायात चालू किया जा सकता है।
एमपी ङ्क्षसह, ईई, पीडब्ल्यूडी
गर्डर लॉन्चिंग की मंजूरी मिल चुकी है इसलिए मौके पर प्री कास्टिंग काम चालू कर दिया है। एक माह में ये कार्रवाई पूरी हो जाएगी।
उदय बोरवड़कर, डीआरएम
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