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Wednesday, September 18, 2019

देशभर में सबसे हताश मध्यप्रदेश, आत्महत्या के आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे आप

भोपाल. प्रदेश सरकार ने आत्महत्या की वजह तलाशने के लिए सर्वे कराया है। इस सर्वे के नतीजों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। आनंद संस्थान ने जिला स्तर पर इस सर्वे के डाटा जमा किए हैं। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की आत्महत्या दर देश की औसत दर से भी ज्यादा है। राष्ट्रीय स्तर पर सुसाइड रेट प्रति एक लाख पर लोगों पर 10 प्रतिशत है, जबकि मध्यप्रदेश में ये दर 13 फीसदी से ज्यादा है। आत्महत्या के मामलों में मध्यप्रदेश 14वें नंबर पर आता है। यहां पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा आत्महत्या करते हैं। प्रदेश में 60 फीसदी पुरुष मौत को गले लगाते हैं, तो 40 फीसदी महिलाएं आत्महत्या करती हैं। पांच साल के आंकड़ों पर किए सर्वे में आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह पारिवारिक असंतुष्टि है। इन आंकड़ों को कम करने और आत्महत्या रोकने के लिए सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया है। अलग-अलग विभागों की भूमिका तय करने के साथ ही आनंद संस्थान को समन्वय करने का काम सौंपा है।

सरकार का एक्शन प्लान
आत्महत्या के कारण सामने आने से सरकार चिंतित है। आत्महत्या के कारणों को दूर करने के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। समन्वय का काम रिपोर्ट तैयार करने वाला आनंद संस्थान करेगा। संस्थान ने 18 जिलों में जाकर इन कारणों पर सर्वे किया है। संस्थान प्राथमिक तौर पर अपने वालेंटियर्स भेजकर लेागों को जागरूक कर रहा है। इसमें लोगों से अवसाद से ग्रसित रहने वालों के लक्षण और उन्हें दूर करने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। जल्द ही पूरा एक्शन प्लान तैयार कर इसे क्रियान्वित किया जाएगा।

 

8 Reasons Why People Commit Suicide in madhya pradesh


ये हैं आत्महत्या के प्रमुख कारण

पारिवारिक 26 फीसदी
बीमारी की वजह 19 फीसदी
वैवाहिक कारण 11 फीसदी
बेरोजगारी 6 फीसदी
नशे की लत 5 फीसदी
प्रेम संबंध 3 फीसदी
संपत्ति विवाद 3 फीसदी
परीक्षा में फेल 2 फीसदी
अन्य कारण 16 फीसदी

किस प्रोफेशन में कितनी खुदकुशी
गृहणियां 26 प्रतिशत
दैनिक वेतन भोगी 19 प्रतिशत
कृषि क्षेत्र के 13 फीसदी
बेरोजगार 12 फीसदी
नौकरी वाले 6 फीसदी
छात्र 6 फीसदी
व्यवसायिक 6 फीसदी
रिटायर्ड 1 फीसदी

शैक्षणिक आधार पर
अनपढ़ 20
पांचवीं कक्षा तक 23
आठवीं तक 21
हायर सेकंडरी तक 18 फीसदी
कॉलेज पहुंचने वाले 11 फीसदी
प्रोफेशनल्स 4 फीसदी
ग्रेजुएट 2 फीसदी
डिप्लोमाधारी 1 फीसदी
आत्महत्या करने में लोग सबसे ज्यादा फांसी के फंदे पर झूलते हैं। 49 प्रतिशत लोग फांसी लगाकर सुसाइड करते हैं।

आत्महत्या की जो वजह सामने आई हैं, उनको सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश में एक भी मौत होना बेहद दुखद है। इस रिसर्च के आधार पर सरकार एक्शन प्लान बना रही है। आप देखेंगे कि आने वाले समय में ये आंकड़ा कम हो जाएगा।
बाला बच्चन, गृह मंत्री

पिछले पांच साल के डाटा पर हमने अलग-अलग वर्ग, प्रोफेशन, आर्थिक स्तर, सामाजिक स्तर के आधार पर आत्महत्या के कारणों को तलाश किया है। हमारे वालेंटियर्स लगातार लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
- अखिलेश अर्गल सीईओ, राज्य आनंद संस्थान



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