भोपाल. किसानों को कर्जमाफी की सौगात दे चुकी कमलनाथ सरकार अब पेंशन देने का प्लान तैयार कर रही है। यह योजना केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से अलग होगी। केन्द्र की योजना का लाभ पाने के पहले किसानों को जेब ढीली करना होगी। यानी उन्हें 55 रुपए से 200 रुपए तक ईएमआई (प्रतिमाह) देना होगी। हालांकि, राज्य सरकार की पेंशन योजना में किसानों से अंशदान लेने का प्रावधान शामिल नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस ने वचन पत्र में किसानों के लिए दो बड़े वादे किए थे। इसमें एक कर्जमाफी तो दूसरी पेंशन योजना है। सरकार अभी 50 हजार रुपए तक का किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है। अब अगले चरण में दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाना है। वादे के मुताबिक सरकार किसानों की पेंशन योजना पर भी मंथन कर रही है। इस मामले में कृषि विभाग के आयुक्त मुकेश कुमार शुक्ला का कहना है कि किसान पेंशन योजना देने की दिशा में काम हो रहा है। इसका खाका तैयार राज्य सरकार को भेजा गया है। राज्य सरकार की हरीझंडी के बाद इसे लागू किया जा सकेगा।
1200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा
पेंशन येाजना का खाका तैयार करने में राज्य सरकार ने जो अनुमान लगाया है, उसके तहत खजाने पर 1200 करोड़ रुपए सालाना का अतिरिक्त बोझ आने की संभावना है। राज्य सरकार का प्लान था कि किसानों को एक अप्रेल से पेंशन योजना का लाभ दिया जाए, लेकिन किसान कर्जमाफी के कारण खजाने पर आए बोझ के बीच सरकार रास्ता निकालने की तैयारी कर रही है। पेंशन योजना लागू किए जाने में देरी होने का एक कारण केन्द्र की किसान पेंशन योजना भी है। क्योंकि दोनों योजना किसानों की पेंशन से जुड़ी हैं, इसलिए सरकार इसका भी अध्ययन कर रही है।
एक ही पेंशन देने का भी है प्रस्ताव
रा ज्य में अभी कई तरह की पेंशन योजनाएं चल रही हैं। ज्यादतार योजनाएं पंचायत विभाग से जुड़ी हैं। इसलिए सभी योजनाओं को एक ही छत के नीचे लाए जाने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश का पंचायत विभाग भी इसका अध्ययन कर रहा है। किसानों को यह पेंशन सामाजिक सुरक्षा के तहत ही होगी।
देश में सिक्किम के बाद मध्यप्रदेश ने की पहल
किसानों के लिए पेंशन योजना का ऐलान करने वालों में सिक्किम राज्य पहला और मध्यप्रदेश दूसरा राज्य रहा। सिक्किम में किसानों को पेंशन खेती करने के लिए दी गई, जबकि मध्यप्रदेश में बुजुर्ग होने पर इसका लाभ मिलना है। हालांकि इसका खाका तैयार किया जा रहा है।
ऐसी है राज्य की प्रस्तावित योजना
मध्यप्रदेश किसान पेंशन योजना केन्द्र की प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना से अलग है। मध्यप्रदेश में योजना के तहत पात्र किसानों को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है। 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को लाभ दिया जाएगा। ढाई एकड़ से कम भूमिधारक किसान ही पात्रताधारी होंगे। यदि किसी किसान को अन्य किसी स्रोत से आय हो रही होगी तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना को लागू करने के पहले इसका सर्वे होगा। इसके अलावा आवेदन की भी व्यवस्था होगी। अनुमान के मुताबिक, प्रस्तावित योजना से राज्य के करीब 10 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
केन्द्र की किसान पेंशन योजना
केन्द्र सरकार की किसान पेंशन योजना प्रधानमंत्री किसान मानधन किसान योजना केनाम से लागू हुई है। योजना में शामिल होने के लिए आवेदन करना होगा। पात्र किसानों को प्रतिमाह 3000 रुपए पेंशन दी जाएगी। 9 अगस्त से पंजीयन शुरू हो गया है। वर्तमान में 18 से 40 वर्ष के बीच उम्र वालों को इसका लाभ मिलेगा। उनके 60 वर्ष के होने पर पेंशन दी जाएगी। दो हेक्टेयर से कम खेती वाले छोटे सीमांत किसान ही योजना के लिए पात्र होंगे। योजना के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम 42 साल तक 55 से 200 रुपए (मासिक) अंश दान करना होगा।
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