दांतरदा । मुख्य मार्ग पर बसे गांव में पानी का संकट बना हुआ है। बस्ती में निवासरत लोगों को नल नहीं आने के कारण ३०० रुपए में पानी खरीदना पड़ रहा है। बताते हैं कि पाइप लाइन का वाल्ब बंद होने के चलते पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। पंचायत के जिम्मेदार ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी वाल्ब नहीं बदलवा सके हैं।
नल नहीं आने पर निजी बोरिंग से पानी भरने के एवज में ग्रामीणों को पैसे देने पड़ रहे हैं। बीते ढाई साल से यह समस्या बनी हुई है। समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीण हाईवे पर चक्काजाम करने का मन बना रहे है। उनका कहना है कि शिकायत करने के बाद भी हल नहीं हुआ, तो अब यह एकमात्र सहारा है।
कराहल. कराहल ब्लॉक के चकरामपुरा गांव में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। गांव में100 परिवार रहते हैं, लेकिन इनके लिए पानी के कोई इंतजाम नही हैं। कहने को गांव में चार हैंडपंप, एक बोरिंग मशीन है पर सभी बंद पड़े हुए हैं। पंचायत, पीएचई के जिम्मेदार अफसर बंद पड़े इन साधनों को दुरस्त कराने को बेपरवाह बने हुए हैं।
गांव के लोग एक किलोमीटर दूरी से पानी लाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कई बार पंचायत को अपनी समस्या से अवगत करा दिया है। बावजूद इसके समस्या का हल अब तक नहीं हो सका है। पंचायत ने लाखों रुपए खर्च कर गांव के मुख्य रास्ते के पास बोरवेल लगाकर टंकी का निर्माण कराया गया था, इसके बाद भी गांव में पानी का संकट गहराया हुआ है। गंाव में निवासरत वलधारी आदिवासी, रामनिवास आदिवासी, जगदीश आदिवासी, ग्याजीत आदिवासी, अमरसिंह आदिवासी का कहना है कि पीने के पानी के लिए लम्बे समय से परेशान हैं। शिकायत करने के बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ है।
चक रामपुरा में एक भी पानी का साधन चालू नहीं हंै। गांव के लोग खेत की निजी बोर से पानी ला रहे हंै। पानी के चक्कर में आदिवासी परिवार मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं।
टुन्डाराम लांगुरिया,अध्यक्ष, सहरिया संघर्ष समिति
गांव के लोगों की समस्या का हल करने के लिए पंचायत सचिव कोबता रहा हूं। जल्द पीने के पानी की व्यवस्था कराई जाएगी।
आरजी अहिरवार ,जनपद सीईओ, कराहल
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