भोपाल। जब अभिनेता भाव के साथ अभिनय करता है तो वो सामान्य से बेहतरीन अभिनेता की श्रेणी में आ जाता है। यह बात सोमवार को एक्टर गोविंद नामदेव से एमपीएसडी में स्टूडेंट्स की एक्टिंग की वर्कशॉप के दौरान उन्हें बताई। दस दिवसीय इस वर्कशॉप में वे स्टूडेंट्स को एक्टिंग की बारीकियों की जानकारी देने के साथ अभिनय के भाव पक्ष पर भी काम कर रहे हैं। इसी के साथ विद्यालय में राजा रसालू की माच कार्यशाला प. ओमप्रकाश शर्मा ले रहे हैं, जिसमें वो माच में गायन-वादन की अभ्यास करा रहे हैं। जिसका मंचन 14 को होना है।
गोविंद नामदेव ने कार्यशाला में बताया कि अभिनेता से अभिनय के दौरान कई बार कहा जाता है कि वो अभिनय में भाव लाएं, लेकिन वो भाव कैसे लाएं इसकी चर्चा कोई नहीं करता है। जो अभिनय की सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। इसको लेकर उन्होंने कार्यशाला में स्टूडेंट्स को अभिनय में भावना को उत्पन्न करने की कई टेक्निक पर चर्चा की। विद्यालय मेंं चल रही माच की कार्यशाला में राजा रसालू की फाइनल रिहर्सल हुई, जिसमें प. ओमप्रकाश शर्मा ने स्टूडेंट्स को फाइनल रिहर्सल के दौरान उनकी कमियों और नाटक में सभी के किरदारों पर विस्तृत चर्चा की।
डायलॉग डिलेवरी में रखे बॉडी मुवमेंट का ध्यान
मायाराम सुरजन भवन में नाट्य कार्यशाला का आयोजन
भोपाल। भूमिका नाट्य संस्था मायाराम सुरजन भवन में 8 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन कर रही है। कार्यशाला 10 जनवरी तक चलेगी। इस कार्यशाला में वॉइस एण्ड स्पीच, बॉडी लैंग्वेज, थिएटर गेम्स, इम्प्रोवाइजेशन और बॉडी मुवमेंट पर एक्सरसाइज कराई जा रही है। कार्यशाला में भारतेंदु नाट्य एकेडमी से प्रशिक्षित शुभम साहू (राहुल) प्रतिभागियों को टिस्प दे रहे हैं। सोमवार को राहुल ने प्रतिभागियों को बताया कि अभिनय में कब, कहां, कैसे, कौन और क्यों की भूमिका होती है। यदि एक एक्टर इन बातों का ध्यान रखे तो वह अपने अभिनय को बेहतर बना सकता है। अभिनय में अभिनेता को विभिन्न प्रकार के चरित्र और पात्रों को निभाना पड़ता है। जिसके लिए शरीर में लचीलापन होना आवश्यक है। इसे अभ्यास के माध्यम से ही सुधारा जा सकता है।
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