मंत्री जी! न्यू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नहीं चाहते कोटा में खुले ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर, 42 दिन से दबाकर बैठे फॉर्म - Hindi Breaking Newz T20 For

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Tuesday, May 7, 2019

मंत्री जी! न्यू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नहीं चाहते कोटा में खुले ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर, 42 दिन से दबाकर बैठे फॉर्म

कोटा. अफसरों की निजी पसंद अवाम की सहूलियतों के लिए उठने वाले सरकारी कदमों में किस तरह आड़े आती हैं, कोटा में प्रस्तावित ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर ( Organ Retrieval Center Kota ) उसकी बानगी बन चुका है। प्रदेश सरकार जल्द से जल्द कोटा में संभाग स्तरीय अंगदान केंद्र खोलने की कोशिश में जुटी है, लेकिन न्यू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ( New medical college hospital ) है कि कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए भी तैयार नहीं है। रजिस्ट्रेशन के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करना तो दूर साढ़े सात महीने बाद कॉलेज प्रशासन आवेदन के लिए मांगी गई जरूरी जानकारी तक नहीं जुटा पाया है।

Read More: कोटा सहकारी में जबरदस्त घोटाला, पहले 45 लाख चुराए, पोल खुली तो जेब से जमा कराए, मौका मिलते ही फिर उड़ा लिए लाखों रुपए

बारां निवासी सिद्धार्थ सिंह के अंगदान की कोशिशें असफल होने के बाद जब कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर ( Organ Retrieval Center ) खोलने की मांग जोर पकडऩे लगी तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जनता और जनप्रतिनिधियों के दवाब में आकर न्यू मेडिकल कॉलेज ( New Medical College ) में सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार को आवेदन भेज दिया। 30 जुलाई 2018 को जयपुर से एसएमएस हॉस्पिटल के चिकित्सकों और सरकारी प्रतिनिधियों की एक उच्च स्तरीय टीम भौतिक स्थिति जांचने कोटा आ गई, लेकिन यहां पहुंचने पर टीम को पता चला कि अस्पताल प्रशासन ने सेंटर खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज तक नहीं जुटाए। बैरंग लौटी टीम ने शासन को प्राथमिक रिपोर्ट भेजने के साथ ही सितंबर 2018 में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पंजीकरण फार्म भेजकर रजिस्ट्रेशन की कागजी कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए, लेकिन जिम्मेदार अफसर कार्रवाई आगे बढ़ाने के बजाय इस फार्म को ही दबाकर बैठे रहे।

Read More: कोटा में देर रात कोल्ड ड्रिंक पीकर लौट रहे दो दोस्तों की हाइवे पर दर्दनाक मौत, तड़प-तड़प कर निकला दम

टूटी कुंभकरणी नींद
कॉलेज में मौजूद सभी विभागों से उनके यहां उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं का डाटा जुटाए बिना ओआरसी रजिस्ट्रेशन फार्म भरना मुमकिन ही नहीं था। इतना कुछ पता होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस फार्म को छह महीने तक दबाकर बैठा रहा। लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि 20 मार्च को 19 साल का आइडियल ऑर्गन डॉनर विशाल कपूर भी बिना अंगदान किए इस दुनिया से कूच कर गया। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने जब 'बस अब और नहींÓ अभियान छेड़कर कॉलेज प्रबंधन की अराजकता की पोल खोली तो उनकी कुंभकरणी नींद टूटी। आखिरकार 25 मार्च को प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को ओआरसी रजिस्ट्रेशन फॉर्म भेजकर उसमें मांगी गई सभी जानकारियां सात दिन के अंदर हर हाल में देने के निर्देश जारी किए।

OMG: खेत में मिली खून से सनी लाश, धारदार हथियारों से काटी युवक की गर्दन, कोटा में फैली सनसनी

'सिंकोप' का शिकार हुए सिस्टम
छह महीने से कुंभकरणी नींद सोया न्यू मेडिकल कॉलेज का प्रशासनिक तंत्र विशाल कपूर की मृत्यु के बाद जागा तो सही, लेकिन लोगों का आक्रोश ठंडा होते ही फिर सिंकोप (अचानक बेहोश होने की बीमारी) का शिकार हो गया। नतीजतन, 42 दिन गुजर जाने के बाद भी किसी विभागाध्यक्ष ने प्राचार्य की ओर से भेजे गए फार्म को भरकर वापस नहीं लौटाया।

NEET 2019: बेटी की परीक्षा छूटी तो मां की आंखों से बहे आंसू, गश खाकर गिरी छात्रा पहुंची अस्पताल...देखिए वीडियो

मंत्रालय तक पहुंची लापरवाही की खबर
वहीं दूसरी ओर चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार संभाग स्तर पर अंगदान की सुविधा देने की कोशिश में जुटी है। सेंटर खोलने प्रक्रिया जितनी सरल हो सकेगी और अंगदान की सुविधा जितनी आसानी से मिल सकेगी, उतने ही ज्यादा लोग इसके लिए प्रेरित होकर आगे आएंगे। वहीं जरूरतमंदों को अंगदान करा उनका जीवन बचाया जा सकेगा। कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने को लेकर हुई लापरवाही की जानकारी मिली है। जल्द उच्च स्तरीय कार्रवाई करा कोटा में ओआरसी खोलने की कोशिश की जाएगी।

NEET 2019: इतिहास में पहली बार भरी दुपहरी में हुई परीक्षा, इस बार ज्यादा रहेगी कटऑफ, MBBS में एडमिशन होगा मुश्किल

25 मार्च को ही सभी विभागाध्यक्षों को रजिस्ट्रेशन फार्म भेज दिए थे। सात दिन में मौजूदा संसाधनों की जानकारी मांगी थी। कहीं से कोई जानकारी नहीं आई तो दो बार रिमाइंडर भी दिया, लेकिन अब भी किसी ने फार्म भरकर वापस नहीं लौटाया। सोमवार को सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई है, ताकि ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर के रजिस्ट्रेशन का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके।
डॉ. गिरीश वर्मा, प्राचार्य, न्यू मेडिकल कॉलेज

Read More: दोस्ती के बीच आया जमीन का सौदा तो उतार डाला मौत के घाट, चाकू, तलवारें और गंडासों से काट सड़क पर फेंक गए लाश

प्रयास जारी हैं
कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने के लिए लगातार प्रयास किए हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके चलते कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर खोलने के लिए अब मैं खुद कलक्ट्रेट पर धरने पर बैठूंगा।
डॉ. कुलवंत गौड़, कॉर्डिनेटर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2VQv22q

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages