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Saturday, September 14, 2019

mp weather : मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से में रेकॉर्ड तोड़ बारिश से आफत

भोपाल. पश्चिमी मध्य प्रदेश (मालवा-निमाड़) में कई जगह भारी से बेहद भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। खेत लबालब हो गए हैं। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। फिलहाल मानसूनी बारिश से राहत मिलती नहीं दिख रही।
मौसम विभाग भोपाल के रिकार्ड के अनुसार मंदसौर शहर में 118 मिलीमीटर तो जिले के सुवासपुर में 200, श्यामगढ़ में 196, मल्हारगंज में 156, गरोठ में 136 राजगढ़ जिले के पचौर में 122, सारंगपुर में 198, झाबुआ के पेटलावद में 149, टांडला में 84, रतलाम जिले के बाजना में 257, आलोट में 155, जाओरा में 126, ताक में 124, नीमच के जावड़ में 104, शाजापुर में 125 मिमी बारिश दर्ज की गई।

राहत की उम्मीद अभी नहीं
उज्जैन शहर में 109 तो जिले के नागदा में 125, तराना में 122, महिदपुर में 105, सीहोर जिले के आष्टा में 77, इछावर में 84 मिमी बरसात दर्ज की गई। इसके अलावा खाचरौद में 80, जावद में 100, नीमच और देवास में 90, खातेगांव एवं टोंकखुर्द में 80 मिमी बरसात दर्ज की गई। इस बेहद भारी बरसात के बाद भी पश्चिमी इलाके को राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही। मौसम विशेषज्ञों ने पश्चिमी प्रदेश के 10 जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मानसून द्रोणिका का असर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कम दबाव का क्षेत्र लगातार पांचवें दिन प्रदेश के उत्तर पश्चिमी हिस्से में बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी अनूपपुर, कोटा, सीधी, भागलपुर से होकर पूर्वी असम से होकर बांग्लादेश तक फैली हुई है। इसके चलते नीमच, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, आगर, राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों में अति भारी बरसात की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया है। देवास, इंदौर, सीहोर, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुरकलां, गुना शिवपुरी, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

राजस्थान में नहीं बन पा रहा कम दबाव का क्षेत्र
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान में मानसून के खत्म होने के संकेत प्रतिचक्रवात बन गए हैं। इसके चलते कम दबाव का क्षेत्र राजस्थान की ओर नहीं बढ़ पा रहा है। हालांकि प्रवेश करने के लिए आगे बढऩे और प्रतिचक्रवात से पीछे आने के क्रम में कम दबाव के क्षेत्र की जगह बदल रही है, लेकिन यह लगातार प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बना है। कम दबाव के क्षेत्र के दक्षिण में पडऩे वाले उज्जैन देवास, इंदौर, मंदसौर, अलीराजपुर जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आगामी 24 घंटों में यह कम दबाव का क्षेत्र कमजोर हो सकता है, लेकिन इसी इलाके से होकर गुजर रही मानसून द्रोणिका के चलते बरसात होती रहेगी।



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