
भोपाल. भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर उम्मीदवारी के बाद से ही विवादों में हैं। मालेगांव धमाके की आरोपी होने की वजह से बीजेपी के साथ-साथ साध्वी भी विरोधियों के निशाने पर थी। साध्वी की छवि कट्टर हिंदुत्ववादी नेत्री के रूप में है। 17 अप्रैल को बीजेपी ने उनके नाम की घोषणा की उसके बाद से लगातार वो विवादित बयान दे रही हैं। जिससे कभी-कभी बीजेपी भी असहज हो जा रही है।
साध्वी की फायर ब्रांड हिंदुवादी छवि की वजह से ही बीजेपी ने उन्हें भोपाल से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दिग्विजय पहले से ही भगवा और हिंदू आतंकवाद को लेकर विवादों में रहे हैं। ऐसे पार्टी ने वोटों को ध्रुवीकरण के लिए साध्वी को चुनावी मैदान में उतरा।
साध्वी भी अपने चिरपरचित अंदाज में चुनावी अभियान का अगाज भी किया। उम्मीदवारी घोषित होने के बाद ही पहले तो उन्होंने कांग्रेस पर झूठे मुकदमे फंसाने का आरोप लगाया है। फिर कहा कि यह चुनाव नहीं धर्मयुद्ध है। इस बयान से प्रज्ञा ने साफ कर दिया कि वो चुनाव धर्म के आधार पर ही लड़ने वाली हैं।
उसके बाद साध्वी ने दिग्विजय सिंह पर कई व्यक्तिगत हमले भी किए। कई इंटरव्यू में उन्होंने दिग्विजय पर तरह-तरह के आरोप लगाईं। उसके बाद 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकिन विवादास्पद बयान दे दिए। जिसके बाद देश की सियासत में भूचाल आ गई है। साध्वी ने कहा कि हेमंत करकरे को मैंने सर्वनाश होने का श्राप दिया था। जिसकी वजह से ही उनकी मौत हुई। साध्वी का यह बयान पूरी तरह से शहादत का अपमान था।
इसके बाद सभी विरोधी लामबंद हो गए। विरोधियों ने आरोप लगाया कि एक तरफ बीजेपी शहीदों के नाम पर वोट मांग रही है। दूसरी तरफ भोपाल से उम्मीदवार साध्वी शहादत का अपमान कर रही है। उसके बाद भाजपा भी बैकफूट पर आ गई है। उसके बाद पार्टी ने प्रेस नोट जारी कर साध्वी के बयान से किनारा कर लिया। बीजेपी ने कहा कि पार्टी शहीदों का सम्मान करती है, यह उनकी व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं।
साध्वी ने एक बार फिर अपने बयान से हलचल मचा दी। साध्वी ने कहा है कि वह न सिर्फ बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ी थीं बल्कि उसे गिराने में भी मदद की थी। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत एक्शन लेते हुए साध्वी को नोटिस थमा दिया है।
इसके साथ ही साध्वी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निश्चित रूप से बनाया जाएगा। यह एक भव्य मंदिर होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह राम मंदिर बनाने के लिए समयसीमा बता सकती हैं। तो उन्होंने कहा कि हम मंदिर का निर्माण करेंगे।
इससे पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ पर हमला बोला था। शनिवार को राजधानी भोपाल में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि 1984 के दंगे नहीं थे दंगे वो हत्याकांड था और उस हत्याकांड के दोषी यहां मुख्यमंत्री बने बैठे हैं। वो किस नैतिकता के आधार पर कह रहे है कि साध्वी का अंत क्या होगा। वे साध्वी के अंत की बात ना करें, आप अपने भ्रष्टाचारी जीवन में बने रहिए पर साध्वी के आदि और अनंत की बात मत करिए।
वहीं, साध्वी के द्वारा लगातार दिए जा रहे विवादित बयान की वजह से पार्टी भी असहज महसूस कर रही है। बताया जा रहा है कि रविवार को इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साध्वी प्रज्ञा को पार्टी ऑफिस बुलाया। साथ ही उन्हें विवादित बयानों से बचने की सलाह दी है। इस दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेता वहां मौजूद थे।
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