ग्वालियर। यदि आप अंधे होने से बचना चाहते हैं तो यह खबर आप को इस मामले में काफी मदद कर सकती है। जयारोग्य अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में हर रोज ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लोग डॉक्टर से पूछे बिना लंबे समय तक आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर अंधेपन का शिकार हो रहे है। नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ.यूएस तिवारी का कहना है कि कई आई ड्राप में स्टेरॉयड मिक्स होता है। उनके लंबे समय तक इस्तेमाल से आंखों में प्रेशर बढ़ता है। प्रेशर बढऩे से ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाती है और मरीज ग्लूकोमा का शिकार हो जाता है।
जयारोग्य अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में हर दिन दो से तीन मरीज स्टेरॉयड मिक्स आई ड्राप से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं। माह में कुल ६० मरीज रजिस्टर्ड हो जाते हैं। अगर शुरूआत में ग्लूकोमा का पता चल जाए तो ठीक है नही तो बाद में इसका कोई इलाज नहीं है। इसके अलावा भी स्टेरॉयड मिक्स आई ड्रॉप के कई साइड इफेक्ट होते हैं। स्टेरॉयड वाली दवा जैसे डेक्सामिथासोन, बीटामिथासोन, क्लोरोमफैनीमल आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर जरूरी है, तो सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही आई-ड्रॉप्स डालें और उतने ही दिन जितने दिन आपके डॉक्टर कहें।
बचने के उपाय
स्टेरॉयड दवाओं का प्रयोग करने से आंखों में दिक्कत आती है तो ऐसी दवाओं के सेवन से बचें। आंखों में दर्द हो या आंखें लाल हो जाएं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा का प्रयोग करें। जब आप सीधे देख रहे हों तो आंखों के किनारे से न दिखाई दे रहा हो तब जांच करवाएं।
आंखों को पोषण देने वाले तत्वों जैसे बादाम, दूध, संतरे का जूस, खरबूजे, अंडा, सोयाबीन का दूध, मूंगफली आदि का ज्यादा मात्रा में सेवन करें।
आंखों में स्टेरॉयड दवा को बिना डॉक्टरी सलाह के स्वेच्छा से डालना अधंत्व का कारण बन रहा है। इसे रोकने के लिए दवा का उपयोग स्वेच्छा से नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञ की सलाह पर ही दवा का उपयोग करें।
डॉ.यूएस तिवारी, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग जेएएच
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