
ग्वालियर। बारिश में भाइयों के साथ स्टॉप डैम में नहाने गया लड़का उसमें डूब गया। उसे बांध की तली में समाते देखकर बच्चे घबरा गए। भाई की जान बचाने के लिए घरवालों को बुलाने भागे। जब तक लोग बांध पर आते लड़का उसकी तली में समा चुका था। करीब 45 मिनट तक पानी में उसकी तलाश करने के बाद शव दलदल में दबा मिला। उसकी मौत से अवाडपुरा में मातम हो गया है। अब लोगों ने बच्चों को डैम पर नहीं जाने की हिदायत दी है और बांध बनाने वालों पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस के मुताबिक अवाड़पुरा निवासी रोहित उर्फ डोडू (12) सिंह परिहार गुरुवार सुबह पुलिस फायरिंग रेंज और कैंसर पहाड़ी के बीच बने स्टॉप डैम में डूब गया।
रोहित कक्षा 4 का छात्र था। उसके पिता देवेन्द्र परिहार और मां केशकली मजदूरी कर परिवार की गुजर कर रहे हैं। गुरुवार सुबह देवेन्द्र मजदूरी के लिए मालनपुर, भिण्ड और केशकली पास की बस्ती में काम पर चली गईं। बेटा रोहित छोटे भाई मोहित और दो बहनों सहित (7) मौसेरे भाई गौरव (13) के साथ घर पर था। सुबह बारिश हुई तो बच्चे छत पर चढ़ गए। नाली में कपड़ा ठूंस कर पानी रोक लिया। उसमें मस्ती करते रहे। लेकिन जल्दी ऊब गए। टोली ने तय किया ज्यादा पानी में नहाएंगे। इसलिए घर से करीब आधा किलोमीटर दूर स्टॉप डेम पर पहुंच गए।
रात को जोरदार बारिश हुई थी तो करीब 15 फीट गहरा बांध लबालब था। बच्चों को उसकी गहराई का अंदाज नहीं था। कुछ देर तक तो बांध किनारे खेलते रहे फिर रोहित ने उसमें छलांग लगा दी। उसे तैरना नहीं आता तो गहरे पानी में गोते खा गया। जान बचाने के लिए शोर मचाया तो हम उम्र साथी डर गए। उसे बाहर निकालने का तरीका किसी की समझ में नहीं आया। बच्चे भागकर बस्ती में आए। परिजन को बताया रोहित डूब रहा है उसे बचाओ। पड़ोसी, रिश्तेदार डैम पर पहुंचे तब तक रोहित पानी में समा चुका था।
पता नहीं क्या हुआ, भाई डूब गया
हम सब छत पर बारिश का पानी भरकर उसमें तैर रहे थे, लेकिन मजा नहीं आया सबने तय किया बांध पर चलते हैं। घर पर किसी को नहीं बताया कहां जा रहे हैं। डेम में काफी पानी भरा था। उसमें नहाने लगे रोहित कैसे डूब गया पता नहीं चला।
(जैसा कि बच्चों ने बताया)
मृत बेटे को अस्पताल लेकर भागे परिजन
सत्यप्रकाश निवासी अवाड़पुरा ने बताया सुबह काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे,बदहवास हालत में बच्चे ने आकर बताया रोहित डूब गया। उसे बचाने के लिए डैम पर पहुंचे। रोहित पानी में नहीं दिखा तो बांध में छलांग लगाई। करीब ४५ मिनट तक उसकी तलाश की। उसका शव बांध की तली में मिट्टी में दब गया था। उम्मीद थी कि उसकी सांस चल रही होगी तो जल्दी बाहर खींचकर अस्पताल ले गए। लेकिन वहां डॉक्टर ने उसे मृत बताया।
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