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Tuesday, July 24, 2018

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1 साल बिना काम के वेतन लेंगे इस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, अभी तक ने नहीं किया है परीक्षण

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शिवपुरी। मेडिकल कॉलेज शिवपुरी का भले ही एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) ने निरीक्षण न किया हो, लेकिन डॉक्टर भर्ती में शिवपुरी अब्बल रहा। भोपाल में शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में डॉक्टर भर्ती, फर्नीचर खरीदी के मामले में शिवपुरी की स्थिति दूसरे मेडिकल कॉलेजों से बेहतर रही, लेकिन निर्माण कार्य की गति धीमी मिली। पीआईयू के एसई को 15 अगस्त तक निर्माण पूर्ण करने निर्देश दिए गए, क्योंकि अगले माह एमसीआई की टीम निरीक्षण करने शिवपुरी आएगी। इतना सब होने के बावजूद शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं की भर्ती अब अगले वर्ष 2019 में ही हो पाएगी।

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गौरतलब है कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज का एमसीआई द्वारा अभी तक निरीक्षण नहीं किया गया, जिसके चलते कॉलेज में अभी तक एडमीशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की डीन का कहना है कि हमने फीस आदि जमा कर दी है और एमसीआई ने निरीक्षण करने के लिए अपनी स्वीकृति भी दे दी है। ऐसे में यह उम्मीद है कि अगस्त माह में एमसीआई का निरीक्षण होगा। मेडिकल के छात्र-छात्राओं को पढ़ाए जाने के लिए होने वाली फैकल्टी की भर्ती भी हो चुकी है, लेकिन कॉलेज शुरू न होने की वजह से वे हर दिन जिला अस्पताल में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद एक-दो घंटे बैठकर चले जाते हैं। हालांकि इस बीच में मेडिकल कॉलेज में लगाए जाने वाले फर्नीचर व अन्य सामग्री की खरीदी भी शुरू हो गई और भवन निर्माण के साथ ही उनको लगाए जाने की तैयारी भी की जाएगी।

59 में से 48 फैकल्टी की हुई भर्ती
मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष में छात्र-छात्राओं को पढ़ाए जाने वाले विभिन्न विषयों के लिए 59 मेडिकल प्रोफेसर (फैकल्टी) की जरूरत होती है, इनमें से शिवपुरी में अभी तक 48 फेकल्टी की भर्ती हो चुकी है। शेष पदों पर भी जल्दी ही भर्ती करने की तैयारी है। चूंकि एमसीआई के पहले चरण के निरीक्षण में 59 फेकल्टी होना चाहिए, जिसे टीम के आने से पहले पूरा करने की तैयारी कॉलेज प्रबंधन कर रहा है।

एक साल लेंगे बिना काम का वेतन
शिवपुरी मेडीकल कॉलेज के लिए नियुक्त किए गए 48 फैकल्टी व डॉक्टर्स की भर्ती तो हो चुकी है, लेकिन वे जिला अस्पताल में तो सेवाएं दे ही नहीं रहे, साथ ही कक्षाएं शुरू न होने से वे पढ़ाने का काम भी नहीं कर रहे। चूंकि एमसीआई के निरीक्षण के बाद भी मेडिकल की कक्षाएं अगले वर्ष 2019 में शुरू होंगी। चूंकि स्टाफ की भर्ती के साथ ही उनके वेतन का मीटर घूमने लगा है और वे एक साल तक बिना काम का वेतन लेंगे।

300 बिस्तर पर मिलेगी प्रथम वर्ष की स्वीकृति

शिवपुरी का जिला अस्पताल 300 बिस्तर का हो चुका है, इसलिए मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आएगी। लेकिन जब पांच साल बाद उक्त छात्र-छात्राएं जब पीजी में प्रवेश करेंगे, तो 700 बिस्तरीय अस्पताल की जरूरत रहेगी। चूंकि पीजी तक पहुंचने के लिए पांच साल का समय लगेगा और इतना समय चार सौ बिस्तर का दूसरा अस्पताल बनाए जाने के लिए पर्याप्त है। जिला अस्पताल के ही परिसर में स्थित स्टाफ क्वार्टर व ट्रेनिंग सेंटर को तोड़कर वहां पर सात मंजिला भवन बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें चार सौ बिस्तरीय अस्पताल भी रहेगा। ऐसे में यहां डॉक्टरों से लेकर वहां भर्ती होने वाले मरीजों व अटेंडरों के साथ वाहनों की भरमार से यहां खड़े होने को भी जगह नहीं मिलसकेगी।

शुक्रवार को ही भोपाल में मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा बैठक में फैकल्टी भर्ती से लेकर फर्नीचर खरीदी व अन्य कार्यों में शिवपुरी की स्थिति दूसरे मेडिकल कॉलेजों से बेहतर पाई गई। निर्माण कार्य की गति धीमी है, जिसे बढ़ाने व 15 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश पीआईयू को दिए हैं। एमसीआई की टीम अगस्त में आएगी।
डॉ. ज्योति बिंदल, डीन मेडीकल कॉलेज शिवपुरी



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