
ग्वालियर। छुट्टा की बजरिया में रहने वाली रिहाना डेढ़ साल पहले हुए पति के निधन के सदमे से उबर नहीं पाई थी कि गुरुवार की शाम को उस पर एक और बज्रपात उस समय टूट पड़ा जब उसकी 14 वर्षीय बेटी समरीन की बारिश से कमजोर हुए छज्जे के गिरने से मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। हादसे में मृतका की दो वर्षीय मासूम भतीजी अलीना भी दब गई थी, जिसको घायलावस्था में केआरएच में दाखिल कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
यह घटना उस समय हुई जब वह अपनी बहन की बेटी यानि भतीजी को गोद में लेकर घर की देहरी पर उस छज्जे के नीचे खड़ी होकर बारिश दिखा रही थी। घटना के समय ईंट पत्थरों के ढेऱ को सिर पर आता देखकर समरीन ने भतीजी की जान बचाने के लिए उसे सीने से चपेट कर भागने की कोशिश की, लेकिन तब तक मलबा दोनों के ऊपर गिर गया था। उस वक्त मोहल्ले में ज्यादार पुरुष काम पर गए थे। सिर्फ महिलाएं घरों में थी। हादसे से बस्ती में कोहराम मच गया। फायर बिग्रेड को आने में लगते वक्त को देखकर मोहल्लेवालों ने अपने स्तर पर मलबे में दबी दोनों लड़कियों को बाहर खींचा।
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अफसर अली निवासी छुट्टा की बजरिया, कंपू ने बताया उसकी बड़ी बहन अमरीन गुरुवार को बेटी अलीना के साथ मायके आई थी। अलीना को लेकर छोटी बहन समरीन बाहर निकल आई। हल्की बरसात हो रही थी। समरीन उसे लेकर छज्जे के नीचे देहरी पर खड़ी थी। छज्जा गिरने की आवाज सुनकर समरीन ने भागना चाहा, लेकिन नाकाम रही।
10 मिनट तक दबी रहीं दोनों
आरिफ ने बताया, छज्जा गिरने से धमाका सुनकर मोहल्ले वाले भी घरों से बाहर आ गए। बस्ती में चीख पुकार मच गई। छज्जे का मलबा आधी सड़क तक फैला था। मौसी और भतीजी उसके नीचे दबीं थी। हादसे की सूचना दमकल को देकर लोगों ने दोनों लड़कियों को बाहर निकालने के लिए मलबे के ढेर को हटाया। करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद समरीन के शव से चिपटी हुई अलीना को बाहर खींचा।

नाली से थी सीलन
अफसर के मुताबिक पुराने मकान में पिता मकसूद अली ने करीब 3 साल पहले नया निर्माण कराया था। इसमें पानी के निकास के लिए नाली बनाई थी। उससे छज्जे में सीलन आती थी।

देर से आया अमला
मौहल्ले वालों ने बताया बस्ती के बाहर सड़क पर माधौगंज थाने की चौकी है। छज्जा गिरने के बाद लोग मदद के लिए पुलिस के लिए पहुंचे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने नगर निगम अधिकारियों को फोन लगाया। लेकिन करीब 45 मिनट तक कोई नहीं आया।

नजर लग गई परिवार को
रिहाना ने पत्रिका को बताया कि हम डेढ़ साल पहले पति की मौत का गम झेल चुके हैं, अब नादान बेटी को भी मौत ने छीन लिया। न जाने परिवार को किसकी नजर लग गई। बेटी की दर्दनाक मौत से बदहवास रहाना रो-रोकर जिद कर रही हैं कि बेटी समरीन को उनके पास ले आओ। उन्हें नहीं पता था कि उनकी लाड़ली हमेशा के लिए उन्हें छोड़ जाएगी, वरना उसे घर से बाहर नहीं निकलने देती। समरीन भतीजी को गोद में लेकर यह कह कर बाहर गई थी इसे बरसात में मजा आएगा। उसे क्या पता था कि बाहर मौत उसका इंतजार कर रही है।
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