
खिरनी. शिक्षा के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी कई गांव के सरकारी विद्यालय के बालक आज भी विषम परिस्थितियों के बीच पढऩे को मजबूर हैं। ऐसा ही हाल राउमावि जौलन्दा का है। यहां कमरों के अभाव में दो कक्षाएं बरामदे में संचालित हो रही है। बारिश आने पर हालात विकट हो जाते हैं। विद्यालय दो भवनों में चल रहा है। पुराने भवन में 7 कमरे हैं।
एक कक्ष में प्रधानाचार्य एवं दूसरा कक्षा कक्ष कम्प्यूटर शिक्षा के लिए खाली करवा दिया है। एक कक्ष में भोजन शाला है तो पिछले एक कमरे की नींव कमजोर व दीवारों में दरारें आने से पट्टियां टूट गई हैं। ऐसे में तीन कमरों में ही पूरा विद्यालय चल रहा है। हर समय हादसे की आशंका बनी रहने से ना विद्यार्थी सुरक्षित है और ना ही शिक्षक। विद्यालय में गत वर्ष 360 नामांकन थे। वही इस वर्ष भी कक्षा दसवीं का 93 व बाहरवी कक्षा 92 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा।
45 लाख की राशि मिली
भवन निर्माण के लिए 45 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है। वर्क कोटा भी बना दिया गया, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हुआ है।
प्रयास कर रहे...
हमारे पास भवन की कमी है। विभाग से राशि भी स्वीकृत हो चुकी है। भवन की कमी के कारण हमें नामांकन बढ़ाने में परेशानी होती है। हमारी ओर से विद्यालय विकास के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।।
प्रभुलाल मीणा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जौलन्दा
शिक्षकों के रिक्त पदों को भरें
पीपलदा. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपलदा में शिक्षकों के पद कई दिनों से रिक्त हैं। इसके चलते ग्रामीणों ने शिक्षा मंत्री, जिला कलक्टर जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा। ग्रामीण रामेश्वर मीना, कजोड़मल रमेशचन्द सहित कई ने बताया कि विद्यालय में व्याख्याता तीन, वरिष्ठ अध्यापक एक, अध्यापक तीन, कनिष्ठ सहायक एक, गणित विषय अध्यापक एक के पद रिक्त चल रहे हैं। इसके कारण छात्र छात्राओ के अध्ययन कार्य मे परेशानी हो रही हैं।
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