
ग्वालियर। मेहमान बनकर घर में रह रहे सिक्योरिटी गार्ड ने लाइसेंसी बंदूक से मां, बेटे की गोलियां मारकर हत्या कर दी। दोहरे हत्याकांड की वारदात शारदा बालग्राम पहाड़ी की तलहटी में बुधवार शाम की है। वारदात के पीछे आशनाई और पैसों के लेनदेन की थ्योरी सामने आई है। हाई स्क्यिोरिटी में डबल मर्डर पता चलने पर पुलिस का अमला हत्यारों की घेराबंदी में जुट गया है।
मोनू गुर्जर निवासी शारदा बालग्राम पहाड़ी ने बताया बुधवार शाम करीब आठ बजे वह भैंस को चारा डाल रहा था तब रम्मू उसके भाई सिरनाम और हीरा गुर्जर ने घर आकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। रम्मू बड़े भाई संजू (28) को घर से बाहर खींच लाया और लाइसेंसी माऊजर से उसकी छाती में गोली मार दी। बेटे को बचाने के लिए मां रामा (46) आई तो उन्हें भी गोलियां मारीं। उनका चौथा साथी सड़क पर बाइक स्टार्ट कर खड़ा रहा। हत्यारे उसे भी मार डालते, लेकिन वह जान बचाने के लिए पहाड़ी पर चढ़ गया। शोर मचाकर वहां रहने वालों को बुलाया। लोगों को साथ लेकर लौटकर घर आया तो भाई की मौत हो चुकी थी, मां तड़प रही थी।
डॉयल 100 को फोन कर मां को इलाज के लिए भेजा, लेकिन अस्पताल पहुंचकर उनकी मौत हो गई।रामवीर गुर्जर ने बताया बेटा संजू और मोनू दो ट्रक ड्राइवर हैं। उसका परिवार कुछ समय पहले मुरैना से यहां आकर बसा है। दोनों बेटे मुरैना निवासी जंडेल गुर्जर का ट्रक चलाते थे। संजू आशिक मिजाज था। बिजौली निवासी युवती को भगाकर ले जाने में पकड़ा गया था। 6 अगस्त को इस केस में जेल से रिहा हुआ था। एएसपी अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि मोनू ने आरोपियों के नाम पते बताए हैं। उनकी तलाश में दविश दी जा रही है। हत्यारों के पकड़े जाने पर वारदात की वजह पता चलेगी।
इस तरह घटनाक्रम
-हत्यारों ने संजू गुर्जर को उसके घर के बाहर सड़क पर गोलियां मारीं
- रामा बेटे को बचाने आई तो उसे भी गोली मारी
- संजू के शव के पास पुलिस को 315 बोर के दो खोखे पड़े मिले हैं।
- हत्यारा लाइसेंसी बंदूक भी मृतकों के घर रखता था
जबरिया मेहमान था हत्यारा, रोकने पर झगड़ती थी पत्नी
रामवीर ने खुलासा किया हत्यारा रम्मू गुर्जर से उसका कोई नाता नहीं है। सिर्फ पत्नी रामा की वजह से करीब एक साल से उसके घर में रहकर महलगांव में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। रम्मू के घर में रहने का वह विरोध करता तो पत्नी रामा झगड़े पर उतारू हो जाती थी। रम्मू उसके साथ मारपीट करता और बंदूक से गोली मारने की धमकी देता। जान बचाने के लिए चुप रहना मजबूरी थी। इसलिए उसने नाइट शिफ्ट में चौकीदार की डयूटी लगवा ली थी। शाम 7 बजे नौकरी जाता और सुबह 6 वापस आता है। बुधवार को भी डयूटी चला गया था। उसे नहीं पता कि घर में क्या हुआ है। लेकिन आशंका है कि बड़े बेटे संजू ने भी रम्मू के घर में रहने का विरोध किया है तो रम्मू ने दोनों की जान ली है।
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