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Monday, December 3, 2018

ग्रामीणों की चेतावनी: बेटी घर नहीं आई तो पूरा गांव करेगा मतदान का बहिष्कार, 10 साल से घर से दूर लाडो, मां-बाप से नहीं देते मिलने

सांगोद/ कुंदनपुर. थूनपुर गांव में करीब 10 साल पहले मजदूरी करने आया एक शख्स गांव की एक बालिका को अपने साथ ले गया। तीन माह पहले परिजनों को बालिका का पता भी चल गया। पुलिस को भी सूचना दी लेकिन अब भी बालिका अपने गांव परिजनों के पास नहीं पहुंच गई। अब ग्रामीणों ने गांव की लाडो को वापस लाने के लिए पुलिस एवं प्रशासन को खुली चुनौती दी है। ग्रामीणों का कहना है कि बालिका इन दिनों कोटा में नारीशाला में है। जब तक गांव की लाडो गांव में नहीं आएगी तब तक कोई ग्रामीण विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेगा। शनिवार को सभी ग्रामीणों ने इस आशय का निर्णय लिया।

 

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ग्रामीण जवाहरी लाल मेरोठा एवं रणजीत प्रजापति ने बताया कि 10 साल पूर्व अन्य राज्य का एक शख्स गांव में मजदूरी करने आया और यहां की एक बालिका को जबरन अपहरण कर अपने साथ ले गया। परिजनों ने खूब तलाश की, पुलिस से भी गुहार लगाई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। ग्रामीण बृजगोपाल गुर्जर व इंद्रजीत मेघवाल ने बताया कि तीन माह पूर्व परिजनों को बालिका के मध्यप्रदेश में होने की जानकारी मिली। परिजन एवं ग्रामीण जानकारी वाले पते पर पहुंचे तो बालिका ने सभी को पहचान लिया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने बालिका को नारीशाला भेज दिया। यह बालिका अभी कोटा नारीशाला में है। उसे घर लाने के लिए परिजन कई माह से कोटा नारीशाला के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी लाडो घर नहीं आई।

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परिजनों को करनी होगी कार्रवाई

पुलिस ने बालिका को अपने स्तर पर तलाश किया। उसे कोटा भी ले आए। बालिका फिलहाल कोटा बाल कल्याण गृह में है। आगे की कार्रवाई परिजनों को अपने स्तर पर करनी होगी।
महेन्द्र मीणा, थानाधिकारी

बालिका का घर लाने के लिए कई बार चक्कर लगा लिए। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही। परिजनों को मिलने तक नहीं देते।
कंवर लाल, पिता

 

 



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