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Monday, January 28, 2019

सुनो मंत्रीजी, आपने खरीदी बसे बे'बस न हो जाए

कोटा. नगर निगम और कोटा सिटी बस कम्पनी की ओर से सिटी बसों के संचालन पर हर महीने करीब 70 लाख रुपए की मोटी राशि खर्च की जा रही है, लेकिन आय केवल 12 लाख रुपए ही हो रही है। घाटे में संचालन होता रहा तो नगरीय परिवहन सेवा को ब्रेक लग सकते हैं। निगम ने 28 बसों के संचालन व मेंटीनेंस का ठेका आर्या ट्रांस सोल्यूशन प्रा.लि. को 49 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से दे रखा है।

 

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इन बसों से आय के लिए अर्पित कंस्ट्रक्शन को 12 लाख रुपए महीने में ठेका दे रखा है, जबकि निगम इन बसों के संचालन के लिए हर महीने करीब 70 लाख रुपए 30 प्रतिशत राशि काटकर ठेका कम्पनी को भुगतान कर रही है। ऐसे में निगम को करीब 58 लाख रुपए का हर माह नुकसान हो रहा है।


ठेका कम्पनी की राशि काटी


पिछले दिनों कलक्टर ने आयुक्त को निर्देश दिए कि ठेका कम्पनी को जो 30 प्रतिशत राशि काटकर दी जा रही है, उसमें एमओयू में जारी दिशा निर्देशों की पालना नहीं की जा रही। इससे संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाए।


ठेकेदार कर रहा कमाई


निगन ने नगरीय परिवहन सेवा की बसों से आय के लिए 12 लाख रुपए में अर्पित कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया था। इस कम्पनी ने 15 लाख रुपए में पेटी कॉन्ट्रेक्टर को दे दिया। पेटी कॉन्ट्रेक्टर ने सभी बसों के परिचालकों को 8 घंटे प्रतिदिन का टारगेट दे दिया। यह टारगेट अलग अलग रूट का 12 सौ से लेकर साढ़े तीन हजार रुपए निर्धारित कर दिया। दिए गए टारगेट परिचालक को रोजना पूरे करने होते हैं।

 

परिचालकों ने बताया कि ठेकेदार को प्रतिमाह करीब 28 से 30 लाख रुपए कमाकर दे रहे हैं। परिचालकों से वसूलीएक परिचालक ने बताया कि ठेकेदार ने प्रत्येक परिचालक से दस हजार रुपए सिक्यूरिटी जमा करवा रखी है। ठेकेदार परिचालक को 200 रुपए रोजना मजदूरी दे रहा है। जो परिचालक दिए गए टारगेट जैसे खड़े गणेशजी रूट का 1200 रुपए है चाहे बस भरी जाए या खाली। अगर किसी परिचालक के दिए गए टारगेट में राशि कम पड़ गई तो ठेकेदार यह राशि उसकी रोज की मजदूरी से काट लेता है। अगर उससे भी पूरी नहीं हो तो उसकी जमा सिक्यूरिटी राशि से काट लेता है।

 

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पहले निगम की ओर से यात्री किराया वसूला जाता था तो टिकट पर सीरियल नम्बर अंकित होते थे, लेकिन जब से निगम ने आय का ठेका दे दिया, तब से टिकटों पर सीरियल नम्बर बंद कर दिए। टिकट वह यात्री को दे या फेंके, ठेकेदार को तो रूट की निर्धारित की गई राशि चाहिए। इस कम्पनी का कार्यकाल पूरा होने वाला है। घाटा देने के कारण नए सिरे से टेण्डर प्रक्रिया शुरू करेंगे। जल्द ही बैठक बुलाकर सिटी बसों के संचालन की नए सिरे से कार्य योजना बनाएंगे। कोटा में सिटी बसों का संचालन सुचारू हो गया है। इसलिए अब कोटा के भी बस ऑपरेटर रुचि दिखाने लगे हैं। इस संबंध में कलक्टर से भी बात हुई है।
महेश विजय, महापौर



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