
भोपालः शरीर के लिये आयरन एक अहम भूमिका निभाता है, जो कुछ फल और सब्जियों के सेवन से हमें मिलता है। शरीर में आयरन प्रोटीन हीमोग्लोबीन, मांसपेशियो के प्रोटीन बनाने और कुछ एंजाइम जो शरीर के आवश्यक रसायन क्रियाएं चलाते है, को बनाने के काम आता है। अस्थिमज्जा में आयरन हीमोग्लोबिन बनाने के काम आता है। शरीर की लाल रुधिर कोशिकाओं में जो ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है। अगर लोहे का स्तर बहुत ज्यादा गिर जाए तो इससे खून की कमी भी हो सकती है। जब ऐसा होता है तो रेड ब्लड सेल सामान्य से छोटे हो जाते हैं, जिससे हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। इससे शरीर को कई बीमारिया घेर लेती हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में खास बातें।
आयरन की कमी के लक्षण
आयरन की कमी के लक्षण थकान , सांस फूलना , असामान्य सफ़ेद त्वचा और कसरत करने की क्षमता कम हो जाती है। उन लोगो में जिनमें आयरन की कमी लंबे समय के लिए हो वो निगलने में तकलीफ या जीभ या मुख में घाव होता है। कुछ दशा में वहां पर काफी कमज़ोर उंगली के नाखून या नाखूनों की असामान्य मुडना या नरम होना जिसे स्पूनिंग कहते है, हो जाता है। आयरन की कमी नवजात, किशोर और गर्भवती महिलाओं में हो सकती है क्योंकि उनमें उनका बढ़ता शरीर आयरन की काफी मांग करता है । आयरन की कमी मासिक धर्म से पहले वाली महिलाओं में आम बात होती है क्योंकी उनमे मासिक चक्र से रोजाना नियमित आयरन का नुक्सान होता है ।
आयरन की कमी से नुकसान
अग्नाशय में लोहे की अधिकता से उसकी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान होता है, इससे हीमोक्रोमेटोसिस के मरीज डायबिटीज के मरीज हो जाते हैं। लीवर में लोहे की अधिकता से सिरोसिस हो जाता है और बाद में कैंसर का रूप ले लेता है। हृदय की मांसपेशियों में लोहे की अधिकता से मांसपेशियों को इतना नुकसान होता है कि उससे हृदय गति बंद हो सकती है। हाथ-पैर के जोड़ों में अधिक लोहा जमा हो जाने से गठिया हो सकता है।
शरीर में आयरन का महत्व
शरीर में आयरन की पूर्ति जरूरी है लेकिन एक संतुलित मात्रा में। 20 ग्राम से अधिक शरीर में आयरन होने से व्यक्ति में हीमोक्रोमेटिक रोग के आसार नजर आने लग जाते हैं और आयरन की कमी से एनीमिया यानी खून की कमी जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है जो बहुत ही घातक है। आयरन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मानव शरीर हेमोग्लोबिन बनाने में आयरन का उपयोग करता है। आयरन शरीर में लाल रक्त कण को बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाता है। यह लाल रक्त कण खून का मुख्य घटक है, जो शरीर में अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करती है और श्वास गति की क्षमता को भी बढ़ाती है। आयरन जरूरी ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाता है। आयरन ऑक्सीजन का उपयोग मांसपेशियों में कर उसे स्टोर करने का काम भी करता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं। हीमोग्लोबिन खून के रंग को लाल रखने और उसका संतुलन बना रखने में मदद करता है।
ये आहार दूर करते हैं आयरन की कमी
आयरन एनिमल सोर्स (चिकन, फिश) आदि से शरीर में आता है। उसकी उपलब्धता शरीर में अधिक होती है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जो कि भोजन में मौजूद आयरन की शरीर में उपलब्धता बढ़ाते हैं, जैसे : फिश, चिकन, संतरा, स्ट्राबेरी, अँगूर सब्जियों में ब्रोकली, टमाटर, आलू, मिर्च आदि।
आयरन की कमी में कभी न खाएं ये खाद्य
स्वस्थ शरीर के लिये आयरन एक आवश्यक खनिज है, क्योंकि यह रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन की पर्याप्ता बनाए रखने का एक खास घटक होता है, जो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन के माध्यम से संतुलित रखता है। जैसा कि शरीर संतुलित कार्य करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में शरीर में आयरन की उपयुक्त मात्रा बनाए रखने के लिए आपको ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि, उन खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन किया जाए, जो शरीर में आयरन की कमी का कारण बनते हैं। जानते हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में...।
-चॉकलेट और कॉफी
चॉकलेट में मौजूद कोको आयरन के अवशोषण को 70 फीसदी तक रोक सकता है। इसलिए एनीमिया से पीड़ित होने पर चॉकलेट नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा चाय व कॉफी का भी सेवन भी नुकसान पहुंचा सकता है। इनके सेवन से आयरन के अवशोषण में बाधी पैदा होती है। इनमें पोलीफेनोल होते हैं, जो सीधे तौर पर आयरन के अवशोषण को बाधित करते हैं।
-ब्लैक और हर्बल टी
एक अध्ययन में सामने आया कि, ब्लैक और हर्बल टी का सेवन आयरन की कमी को 50 से 70 प्रतिशत तक बढञा देता है। इसलिए खासतौर पर खाने के साथ या खाने के बाद कभी भी चाय का सेवन ना करें। इससे न सिर्फ शरीर में आयरन की कमी होती है, बल्कि गैस व अपच की समस्या भी बढ़ जाती है।
-दूध और सोयाबीन प्रोटीन
आयरन की कमी होने पर कैल्शियम युक्त दूध और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ऐसे में दूध व अन्य डेयरी उत्पादों के अधिक सेवन से बचें। इसके अलावा सोया प्रोटीन भी आयरन की कमी बढ़ाता है, क्योंकि इसमें एक एसिड फायट (phytate) होता है।
आयरन की कमी से हो सकते है ये रोग
-आयरन डेफिशियेंसी
आयरन डेफिशियेंसी शरीर में एनीमिया का सबसे प्रमुख कारण होता है। आयरन डेफिशियेंसी या तो शरीर में आयरन के कम अवशोषण होने या शरीर में आयरन की खपत कम लेने के कारण होती है। आयरन डेफिशियेंसी के लक्षण सामने आने के बाद थकान, शरीर की कम गतिविधि, बचपन के दौरान कम बुद्धि का विकास और सामाजिक विकास का अभाव, शरीर के तापमान को बनाए रखने में कठिनाई, कमज़ोर इम्यून सिस्टम आदि हो जाता है।
-थोड़ा काम करने पर भी हो जाती है भारी थकान
आयरन की कमी होने पर सबसे पहला लक्षण जो सामने आता है वो है थकान। पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर खुद को काफी थका हुआ महसूस करता है। ऐसी स्थिति में हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता, जो लाल रक्त कोशिकाओं से आयरन अवशोषित करता है। हीमोग्लोबिन शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है और शरीर में ऊर्जा का स्तोत्र होता हैं। जब शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होता है तो ऊत्तकों और मांसपेशियों तक कम ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी आ जाती है।
-सांस लेने में समस्या
हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने में सक्षम बनाता है। जब आयरन डेफिशियेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन शरीर में कम होता है तो ऑक्सीजन का स्तर भी कम होता है। ऐसे में मांसपेशियों को सामान्य गतिविधियों को करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे सांस का दौरान बढ़ जाता है। ऐसे में पीड़ित को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-दिल की बीमारी
आयरन की कमी के चलते शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। इससे दिल को शरीर तक ऑक्सीजन ले जाना मुश्किल होता है। इससे दिल की बीमारी भी उत्पन्न हो जाती है।
-त्वचा रोग और बालों से सम्बंधित बीमारी
आयरन डेफिशियेंसी से त्वचा में सूखापन और दाग धब्बे पड़ने लगते हैं, जिसके कारण त्वचा फीकी और बेजान पड़ जाती है। आयरन की कमी से बालों की समस्याएं जैसे बालों का गिरना, रुसी, बालों का सफेद होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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