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Friday, December 6, 2019

जूडा की हड़ताल से निपटेगी हाईपावर कमेटी

भोपाल. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों की बार-बार होने वाली हड़ताल का सरकार स्थायी समाधान करेगी। इसके लिए एक हाईपावर कमेटी बनाना तय किया गया है। यह कमेटी जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं का समाधान चरणबद्ध तरीके से करने का एक्शन प्लान सरकार को देगी। इसके अलावा जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर भी नियम सख्त किए जाएंगे। एक बार समस्या हल होने के बाद वे नई-नई समस्याओं को लेकर बार-बार हड़ताल नहीं कर सकेंगे।
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं आए दिन चरमरा जाती हैं। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इस समस्या के समाधान का वादा किया था। इसी के तहत मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने 10 दिन के भीतर इसके लिए हाईपावर कमेटी गठित करने के लिए कहा है। इस कमेटी में जूडा का भी एक प्रतिनिधि शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिवों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि भी इस कमेटी में रखे जा सकते हैं।

- ऐसे काम करेगी कमेटी
कमेटी जूनियर डॉक्टर्स से चर्चा करके उनकी समस्याओं को सूचीबद्ध करेगी। इसमें उनकी समस्याओं को वित्तीय, प्रशासनिक और समयबद्ध चरणों में बांटकर समाधान के लिए रोडमैप बनेगा। यह कमेटी समस्याओं के समाधान भी सुझाव के रूप में देगी। साथ ही हड़ताल की स्थिति में एस्मा सहित अन्य नियमों का भी रिव्यू होगा। इसमें हड़ताल की स्थिति में सख्त कार्रवाई के प्रावधान भी होंगे, ताकि केवल दबाव बनाने के लिए हड़ताल न हो सके।

- वैकल्पिक इंतजामों पर ध्यान
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की समस्या हल करने के लिए नई कमेटी वैकल्पिक इंतजाम भी सुझाएगी। दरअसल, जूडा के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो जाती हंै। इसलिए सेकेंड लाइन तैयार की जाएगी।

- डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट के नियमों का रिव्यू
डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट के नियमों पर भी कमेटी पुनर्विचार करेगी। इसमें दूसरे राज्यों की घटनाओं को लेकर मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप नहीं की जा सकेंगी। सरकार का मानना है कि मरीजों का इलाज डॉक्टरों की नौकरी की प्राथमिकता होने के साथ पहला कर्तव्य भी है। इसलिए हड़ताल के जरिए इलाज को ठप करना गलत है। गैर-वाजिब कारणों से हड़ताल पर सख्ती की जाएगी।

हम जूनियर डॉक्टरों की बार-बार की हड़ताल की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके साथ चर्चा के बाद ही इसकी रूपरेखा बनेगी। उनकी सभी समस्याओं को भी हल किया जाएगा।
- तुलसी सिलावट, मंत्री, स्वास्थ्य



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