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Friday, December 6, 2019

सस्ती बिजली बन रही विवाद की वजह, अलग कनेक्शन लेने आवेदकों की कतार

भोपाल. प्रदेश सरकार की सस्ती बिजली की योजना ने उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिलों से मुक्ति दिला दी है। हालांकि इस योजना से मकान मालिक-किराएदारों के बीच विवाद सामने आने लगे हैं। मालूम हो कि राज्य सरकार ने अक्टूबर महीने से 100 यूनिट बिजली खपत होने पर सौ रुपए बिल देना शुरू किया है। एक माह में अधिकतम 150 यूनिट बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
इंदिरा ज्योति योजना: कनेक्शन लेना मुश्किल
100 यूनिट पर 100 रुपए बिल की इंदिरा ज्योति योजना के बाद एक ही परिसर में दूसरा कनेक्शन लेना आसान नहीं है। हालांकि नए कनेक्शन लेने वालों की संख्या बढ़ गई है। इस समय बिजली कंपनी के पास नए कनेक्शन के 2000 से अधिक आवेदन हैं। एक ही परिसर में कनेक्शन लेने वाले आवेदनों की कई स्तरों पर जांच की जा रही है।
किराएदार-रिश्तेदारों के बीच तनातनी
नेहरू नगर निवासी अश्विन खरे के यहां एक महीने में 150 यूनिट के अंदर बिजली खपत होती है और इतनी ही किराएदार की भी। वे आठ रुपए प्रति यूनिट की दर से किराएदार से बिल लेते हैं। ऐसे में विवाद हो रहा है।
कोलार में मंदाकिनी निवासी हरीश विश्वकर्मा भाई को बिजली देने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने भाई से नया मीटर लगवाने को कहा है। बिजली कंपनी से एक ही परिसर में नया मीटर लगवाना आसान नहीं है। दोनों भाइयों के बीच विवाद है।
योजना में ऐसे होती है गणना, मिलता है लाभ
30 दिन में 100 यूनिट बिजली खपत होने पर उपभोक्ता का बिल 100 रुपए आएगा।
30 दिन में 150 यूनिट खपत होने पर शुरुआती 100 यूनिट का बिल 100 रुपए तो बाकी 50 यूनिट का तय टैरिफ के अनुसार बिल आएगा। 
30 दिन में बिजली खपत 151 यूनिट या इससे अधिक है तो शुरुआती यूनिट से ही तय टैरिफ के अनुसार बिल आएगा। ये बिजली सात रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से पड़ेगी।
मीटर रीडिंग में देरी हुई तो उसके अनुसार सब्सिडी यूनिट बढ़ जाएगी। यदि 35 दिन में रीडिंग हुई तो सब्सिडी का लाभ 175 यूनिट तक मिलेगा।
कंपनी उपभोक्ताओं को योजना का पूरा लाभ दे रही है। कहीं कोई परेशानी नहीं है। नए कनेक्शन में हम पूरी तफ्तीश कर रहे हैं। एक परिसर में दूसरा कनेक्शन देने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
डीपी अहिरवार, सीजीएम, विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल



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