
कोटा . बाजार हस्तक्षेप योजना में महज तीन दिन शेष रहते साढ़े 42 हजार किसानों से लहसुन खरीद की मुश्किल चुनौती सहकारिता विभाग के सामने आन खड़ी हुई है। इन किसानों को विभाग की ओर से खरीद तिथि का मैसेज दिया जा चुका है। यही नहीं, खरीद न होने की दशा में हाड़ौती की कानून-व्यवस्था को लेकर दिक्कत हो सकती है। इसके चलते विभाग के साथ ही पुलिस और प्रशासन ने भी राज्य सरकार को खरीद की अंतिम तिथि बढ़ाने का आग्रह किया है।
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सहकारिता, पुलिस तथा प्रशासन ने सरकार को पत्र भेजा है कि जिन किसानों का खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है, उनका लहसुन नहीं खरीदा गया तो किसान आंदोलन कर सकते हैं। इसलिए तिथि बढ़ाना उचित रहेगा। इस मसले को लेकर सोमवार को जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है। इसमें खरीद, भण्डारण, भुगतान के संबंध में चर्चा की गई है।
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अब तक सिर्फ 2500 का खरीदा
केन्द्र सरकार ने भले ही प्रदेश के लहसुन उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए 32.57 रुपए प्रति किलो की दर से बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन की खरीद के आदेश दे दिए थे, लेकिन राज्य सरकार की सुस्त मशीनरी के कारण किसानों को पूरा फायदा नहीं मिल पाया। सरकारी खरीद किसानों के लिए छलावा साबित हुई।
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कोटा संभाग में लहसुन की सरकारी खरीद 26 मई से शुरू हुई, अब तक केवल 2500 किसानों का ही लहसुन खरीदा गया जबकि सरकारी केन्द्रों पर 65 हजार किसानों ने पंजीयन करवाया। इसमें से 45 हजार किसानों को राजफेड के पोर्टल से मोबाइल पर खरीद के लिए मैसेज भी भेज दिया गया है।
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शेष रहे साढ़े 42 हजार किसान सरकारी एजेन्सी से मैसेज आने के कारण अच्छे दाम मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन सभी किसानों के लहसुन की खरीद होना मुश्किल है। इसके अलावा पंजीकृत 65 हजार किसानों में से 20 हजार को तो पोर्टल से खरीद बाबत मैसेज ही नहीं दिया जा सका है। इधर, तीन दिन बाद यानी 31 मई को खरीद बंद हो जाएगी।
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