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Tuesday, May 29, 2018

अभावग्रस्त गांव, फिर भी नहीं मिल रहा मनरेगा में रोजगार ,लहसोड़ा ग्राम पंचायत के गांवों का मामला

सवाईमाधोपुर. जिले में अभावग्रस्त घोषित गांवों के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सीमा सौ दिन से बढ़ाकर 150 दिन कर दी है। इसके बाद भी लोगों को समय पर रोजगार नहीं मिल रहा है। जिले में मनरेगा के कार्य स्वीकृत नहीं हो रहे हैं। सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना शुरू की थी, लेकिन जिला प्रशासन व पंचायत प्रशासन की उदासीनता के चलते लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। समीवर्ती लहसोड़ा पंचायत में देखने को मिल रही है, जहां पिछले दो साल से नरेगा कार्य बंद है। इससे ग्राम पंचायत के व्यक्ति रोजगार के लिए गांवों से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।


इन गांवों में समस्या
जानकारी के अनुसार पिछले साल कम बारिश से लहसोड़ा पंचायत के अधिकतर गांव भीषण अकाल की चपेट में है। इससे क्षेत्र में सवाईगंज, आवण्ड, भैंरूपुरा, खिरखड़ी, सेवती कलां, सेवती खुर्द, बादलगंज, कालाकाछ आदि गांवों में नरेगा कार्य बंद है। लोग रोजगार के लिए दिल्ली, जयपुर , कोटा शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।


अभावग्रस्त घोषित
सरकार ने लहसोड़ा क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक गांवों में अभावग्रस्त घोषित किया। इसके बावजूद पंचायत प्रशासन की ओर से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। इससे श्रमिकों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।


इन दिनों मनरेगा कार्मिक हड़ताल पर हैं। इससे कई फाइलें पंचायत में अटकी है। इसके लिए ग्राम पंचायत के कनिष्ठ अभियंता को अवगत कराया।
वंदना शर्मा, सरपंच, लहसोड़ा


लहसोड़ा पंचायत के अधीन गांवों में मनरेगा कार्य स्वीकृत नहीं होने से रोजगार नहीं मिल रहा है। इससे आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। नरेगा स्वीकृत कराकर रोजगार दिया जाना चाहिए।
रामबिलास माली, ग्रामीण


रोजगार की सीमा 100 दिवस से बढ़ाकर 150 कर दी लेकिन फिर भी कार्य स्वीकृत नहीं हो रहे है। ऐसे में ग्रामीण दूसरे शहरों में पलायन करने को मजबूर हैं।
छितर शर्मा, ग्रामीण


मनरेगा कार्यों पर प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल रही है। इससे गांवों में बेरोजगारी बढ़ रही है। निर्धन लोगों के हालात खराब है। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मनरेगा कार्य शुरू होने जरूरी है।
शांतिदेवी, ग्रामीण


लहसोड़ा क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक गांव अभावग्रस्त घोषित है, यहां भरण-पोषण के लिए ग्रामीणों को रोजगार की जरूरत है। हर बार जल्द नरेगा कार्य स्वीकृत कराने का आश्वासन देते हैं।
रामप्रसाद यादव, ग्रामीण



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