
सूरवाल . कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में किसानों ने अमरूद के बगीचे लगा रखे हैं, लेकिन स्वस्थ अमरूद के पौधों को जब कुछ दिन बाद सूखते हुए देखा जाता है तो किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आता है। इस समस्या को लेकर किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से शिकायत की तो हकीकत सामने आई कि बोर से लवणीय पानी निकल रहा है जिसके द्वारा अमरूद के पौधों की सिंचाई की जा रही है। लवणीय पानी बगीचों की सिंचाई के लिए कतई उपयुक्त नहीं है।
क्षेत्र में दौरे पर निकले कृषि अधिकारियों ने अमरूद के कई पौधों को सूखते हुए देखा। इस पर किसानों ने बताया कि उनके द्वारा बोरिंग अथवा टेंकरों के पानी से सिंचाई की जा रही है, लेकिन कुछ दिन बाद अमरूद के स्वस्थ पौधे सूखने लगते हैं। बोरिंग से काफी गहराई से पानी निकलता है। इस पर कृषि अधिकारी गोवर्धन मीना, करमोदा कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने बताया कि बोरिंग का लवणीय पानी सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं है। यदि पानी में लवण की मात्रा अधिक है तो पानी की जांच करवा लें। खास बात है कि अमरूद के पौधों में पानी की समस्या के चलते पहले से ही निमेटोड जैसे कई रोग उत्पन्न हो रहे हैं,
वहीं अब जैसे तैसे किसानों ने महंगे दामों पर टेंकरों अथवा बोरिंग के पानी से सिंचाई शुरू करवाई तो अब लवणीय पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उधर, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के कृषि अनुसंधान अधिकारी किशन गुर्जर ने बताया कि जांच में वर्तमान में पानी की ईसी और पीएच सामान्य से अधिक आ रहा है। वहीं उद्यान विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केन्द्र कोटा के डॉ. रामराज मीना ने बताया अधिकतर ट्यूबवेलों से खारा पानी निकलने की शिकायतें आ रही है। लवणीय पानी को काम में लेने के लिए पहले एक गडढे में भर लें। उसके बाद दो तीन दिन बाद सिंचाई के काम में लिया जाएं तो पानी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इसके अलावा यदि सवाई माधोपुर जिले में बहने वाली नदियों पर छोटे-छोटे एनिकट बन जाएं और वहां पानी का संग्रहण कर दिया जाएं तो किसानों को इससे भी सिंचाई के लिए गुणवत्तापूर्ण पानी मिल सकेगा।
गंदे नाले से लोग परेशान
भाड़ौती . ग्राम पंचायत गंभीरा में गंदे नाले से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां सरकार स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान का ढोल पीट रही है। वहीं दूसरी ओर आम जनता गंदगी से परेशान हो रही है। इस नाले से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी से मच्छरों का प्रकोप है। इससे बीमारियों एवं गंदे नाले से निकलने वाली गंध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मकान पास में होने व बच्चे वहीं पर खेलते रहते हैं। इससे हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है।
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