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शिवपुरी। मैं आप लोगों से कह रही हूं कि मेरी मदद करो और नगरपालिका अध्यक्ष को कहीं और भेजो ताकि मैं अपना काम कर सकूं। यह बात बुधवार को झांसी रोड पर काली माई मंदिर के पास सडक़ों के लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कही। मंत्री ने कहा कि नपा की सडक़ें नहीं बनने से मेरे शहर की जनता परेशान है। शिवपुरी रेलवे स्टेशन पर तीर्थयात्रियों को रवाना करने पहुंचीं मंत्री ने खुद को पापी कहते हुए बुुजुर्गों से खुद के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगने के लिए कहा। इसके बाद जिला पंचायत की बैठक में खींचतान के बीच महिला जिपं सदस्य से मंत्री की तीखी बहस हो गई।
बुधवार की सुबह लगभग 11 बजे कालीमाई मंदिर झांसी रोड पर मंत्री ने 120 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सडक़ों का भूमिपूजन किया। यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि हमारी पीडब्ल्यूडी की नई बनी सडक़ को ग्वालियर बायपास पर नपा के पानी के टैंकर उस सडक़ को खराब कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि मैं हाथ जोडक़र कहती हूं, यह नगरपालिका हमें नहीं चाहिए, मैंने 8 करोड़ रुपए आठ माह पूर्व दिए, लेकिन अभी तक नपा ने एक भी सडक़ नहीं बनाई। मंत्री ने जनता से आह्वान किया कि इस नगरपालिका अध्यक्ष को कहीं और भेजो, ताकि मैं अपना काम कर सकूं। जनता व पार्षद मुझे सपोर्ट करें, क्योंकि मेरे पास तीन-चार महीने ही रह गए हैं। वे बोलीं कि क्या पता मैं अगला चुनाव लड़ूं या नहीं, कम से कम मुझे अपना काम करने दो।
बिना झंडी दिखाए रेलवे स्टेशन से लौटीं
इसके बाद मंत्री रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां कामाख्या तीर्थयात्रा करने जा रहे बुजुर्गों से चर्चा की। इस दौरान मंत्री ने कहा कि आप लोग इतनी बड़ी संख्या में भगवान के दर्शन करने जा रहे हो तो मुझ पापी के लिए भी भगवान से आशीर्वाद ले आना। चूंकि यहां पर श्योपुर के तीर्थयात्री नहीं आ पाए थे और मंत्री को जिला पंचायत की बैठक में जाना था, इसलिए वे बिना हरी झंडी दिखाए चली गईं।
बैठक से नदारद अध्यक्ष व सदस्यों को लेने पहुंचीं मंत्री
जिला पंचायत की बैठक का संशोधित समय दोपहर 12 बजे से था, जबकि जिपं सीईओ ने अध्यक्ष व सदस्यों को सुबह 10.30 बजे का समय दे दिया। कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष कमला यादव, जनपद अध्यक्ष पारम रावत सहित अन्य कांग्रेसी सदस्य दोपहर 12 बजे तक इंतजार करने के बाद डीआरडीए (जिला पंचायत की दूसरी शाखा) में चले गए। इधर 12.15 बजे मंत्री बैठक में पहुंचीं, तो वहां उन्हें केवल अधिकारी ही बैठे मिले। इस दौरान फोन पर जिपं अध्यक्ष को मंत्री ने बैठक में आने के लिए कहा, लेकिन जब वे नहीं आईं तो मंत्री खुद ही उठकर डीआरडीए में पहुंच गईं। यहां मंत्री ने कहा कि समय को लेकर जो गलतफहमी हुई है, उसके लिए मैं क्षमा चाहती हूं। इसके बाद वे सभी मंत्री के साथ बैठक में पहुंच गए।
जब मंत्री से उलझीं जिपं सदस्य
बैठक में वार्ड 12 दिनारा से जिला पंचायत सदस्य श्रद्धा-सतीश फौजी ने कहा कि बिलरऊ नदी से दिनारा तालाब के बीच बनाई गई नहर में सिंचाई विभाग द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। श्रद्धा ने जब तेज आवाज में कहा तो मंत्री ने पूछा कि आपकी और मेरी उम्र में कितना अंतर है, तो श्रद्धा ने कहा कि आप मेरी मां के समान हैं, लेकिन मेरे पति पांच साल जिपं सदस्य रहे और अब मैं हूं, लेकिन नहर का काम हम नहीं करवा पाए। मंत्री ने कहा कि आप सम्मानजनक तरीके से धीमी आवाज में बोलें, आप महिला हैं, मर्द नहीं। श्रद्धा ने कहा कि मंैने तो आपसे कुछ अपमानजनक नहीं कहा, तो मंत्री ने कहा कि ठीक है, मैं चलती हूं और आप लोग बैठक करो। यह कहकर मंत्री वहां से उठकर चली गईं।
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