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सवाईमाधोपुर. अजीतपुरा बांध रिसाव मामले में गुरुवार को जिला कलक्टर के निर्देश पर सवाईमाधोपुर एसडीएम लक्ष्मीकांत कटारा व तहसीलदार मनीराम खींचड ने बांध पर पहुंचकर मौका देखा। उन्होंने बांध की दीवार, मोरी की दीवार आदि की जांच की। इस दौरान एसडीएम ने जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता को क्षतिग्रस्त मोरी की दीवार व पाल से हटी मिट्टी को दुरस्त करने के निर्देश दिए। एसडीओ शर्मा ने बताया कि फिलहाल बांध 12-13 फीट खाली है। साथ ही बांध इस बार ही बनाया है। ऐसे में पहली बारिश में थोड़ी मिट्टी बैठने से दीवार में दरारें आ गई है। उसे शीघ्र ही दुरस्त करा दिया जाएगा। बांध से लोगों को खतरा नहींं है।
चादर वाले स्थान से मिट्टी हटवाएं
गिरदावर तुलसीराम शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों ने एसडीएम से कहा कि बांध के जिस स्थान से चादर चलती है। वहां पर मिट्टी अधिक है। ऐसे में चादर वाले स्थान पर मिट्टी हटाई जाए। ताकि बांध के भरने पर चादर के रास्ते अच्छी तरह से पानी की निक ासी हो जाएगा। इससे गांव में पानी आने का खतरा कम रहेगा। इस पर एसडीओ ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र ही चादर वाले स्थान से मिट्टी हटवाने का आश्वासन दिया।
ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग
वार्ड 17 की जिला परिषद सदस्य दीपा गुर्जर ने गुरु वार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर अजीतपुरा बांध में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि बांध निर्माण के दौरान संबंधित ठेकेदार ने मोरी दीवार गलत तरीके से बनाई है। जिसमें गुणवत्ता व मापदण्डों का ध्यान नहीं रखा गया है। अधिकारियों की अनदेखी के चलते उन्होंने निर्माण के दौरान ध्यान नहीं दिया। इससे गांव खतरे के साए में है। ठेकेदार व अधिकारियों की अनदेखी के चलते ही गांव में जनहानि की संभावना बढ़ गई है। उन्होंने गांव की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने के निर्देश दिए।
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