
ग्वालियर। साहब, मुझे भी टिकट दे दो, मेरा और मेरे पति का नाम लिस्ट में है, पति का टिकट मिल गया है, मेरा नहीं मिला है। पति तीर्थ यात्रा पर गए तो मैं अकेले घर कैसे जाऊंगी। यह बात रामेश्वरम् तीर्थ यात्रा पर जाने वाली ट्रेन के रवाना होने से पहले 70 वर्षीय महिला पार्वती बाई ने अफसरों से गुहार लगाते हुए कही। महिला के साथ उसका पति नाथूराम भी था। दोनों भितरवार से आए थे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा में गुरुवार को जाने वाले जिन यात्रियों के नाम लकी ड्रॉ में निकले थे, रामेश्वरम जाने की इच्छा लेकर वह स्टेशन पर आए थ, लेकिन टिकट न मिलने से इधर-उधर भटकते रहे, उनकी सुनने वाला कोई नहीं था।
इसी तरह दाल बाजार निवासी मदन लाल व उनकी पत्नी प्रेमलता भी टिकट की आस में नगर निगम के अधिकारियों से बात करते रहे। इनका नाम भी तीर्थ यात्रा के लिए निकाले गए लकी ड्रॉ में शामिल था।
बरई ब्लॉक से आईं गोगाबाई और तीतुरिया का नाम लिस्ट में पहले एवं दूसरे नंबर पर था, लेकिन इन्हें भी टिकट नहीं मिला। तीर्थ यात्रा पर जाने वाले 290 में से 50 यात्री टिकट के लिए भटकते रहे, इस दौरान अफरा-तफरी की स्थिति रही।
टिकट नहीं था, माला पहनाई और कहा-ट्रेन में बैठ जाओ
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को मुख्यमंत्री जन कल्याण प्रकोष्ठ के पदाधिकारी छिपाते रहे। तीर्थ यात्रियों का स्वागत करने के लिए स्टेशन पर भाजपा के जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा पहुंचे। उन्होंने तीर्थ यात्रियों के गले में माला पहनाई तो तीर्थ यात्री उनसे टिकट की मांग करने लगे, इस पर उन्होंने कहा कि आप लोग ट्रेन में बैठ जाओ, अपना आधार कार्ड साथ में रखना, आपको कोई कुछ नहीं कहेगा। यह बात सुनकर तीर्थ यात्रियों ने कहा कि बिना टिकट यात्रा करने पर ट्रेन से उतार दिया जाएगा, तब आप लोग हमारे साथ नहीं होगे।
जिला प्रशासन ने कम दिए टिकट
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के जिला संयोजक नूतन श्रीवास्तव का कहना है कि तीर्थ दर्शन यात्रा के जिला प्रशासन की ओर से टिकट कम दिए गए। इस वजह से अफरा-तफरी मची है। पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दे दी गई है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2O5zQKo
No comments:
Post a Comment