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भोपाल। मध्यप्रदेश में छोटे दलों को जोड़कर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसकी पहल पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव कर रहे हैं। 2 अगस्त को भोपाल में आयोजित सम्मेलन में 2-9 छोटे दल के नेता एक मंच पर आकर साथ लडऩे का ऐलान कर सकते हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी कांग्रेस के लिए खड़ी हो सकती है, जो गठबंधन बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है।
तीसरे मोर्चे की तैयारी
सम्मेलन का आयोजन जनता दल यूनाइटेड का शरद यादव गुट कर रहा है। इसमें कई दलों के नेताओं के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। जिन दलों के तीसरे मोर्चे में आने की संभावना है, उनके पास फिलहाल कोई सीट तो नहीं है। पर चुनाव में उलटफेर करने की हैसियत ये रखते हैं।
दूरी बनाए रखने के संकेत
2013 के चुनाव में इन दलों ने 3.5 प्रतिशत से अधिक वोट कबाड़े थे। ऐसे में जब भाजपा और कांग्रेस के कुछ विधायकों के जीत का आंकड़ा महज 2-3 हजार का था, इन दलों के वोट काटने से इस बार भी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। फिलहाल इस सम्मेलन से बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने दूरी बनाए रखने के संकेत दिए हैं।
ये दल आएंगे साथ -
तीसरे मोर्चे में जिन दलों के साथ आने का दावा किया जा रहा है, उनमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी है। इसे 2013 में 1.5 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे। अभी कुछ दिनों से उसके कांग्रेस के साथ जाने की चर्चा हो रही थी। इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड शरद यादव गुट, राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, बहुजन संघर्ष दल, समानता दल, महान दल, अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी तीसरे मार्चे के घटक में शामिल होंगे। वहीं जानकारों का कहना है विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। हालांकि पार्टी अभी नेताओं को तोड़ने में जो़डने का काम कर रही है।
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