
ग्वालियर। बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने से शहर में तीन दिन से लगी सावन की झड़ी से मौसम सुहाना हो गया है। गुरुवार को भी लगभग पूरे दिन आसमान में काले बादल उमड़मे-घुमड़ते रहे, जो कभी झमाझम तो कभी रिमझिम बरस कर शहर को तरबतर करते रहे। मौसम में आए बदलाव से गर्मी और उमस से राहत मिली है। तीन दिन में दिन के तापमान में 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को 50.4 एमएम बारिश दर्ज की गई, वहीं तीन दिन में 86.8 एमएम और अगस्त महीन में अब तक 185 एमएम बारिश हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले चौबीस घंटे तक ग्वालियर अंचल में इसी तरह से बादल छाएं रहेंगे।
" तिघरा जलाशय में पानी बढ़ते ही सैलानी पहुंचने लगे हैं। गुरुवार को दिनभर हुई बारिश से मौसम सुहाना होने पर लोगों का हुजूम तिघरा डैम पर उमड़ पड़ा। चित्र में बोट पर युवाओं की टोली मस्ती करती हुई। फोटो : विनोद माहुने
तापमान लुढ़क कर 28.5 डिग्री पर
गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 21 अगस्त को यह 34.5 डिग्री था। बारिश के कारण तीन दिन में 6 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री से. दर्ज किया गया।
सड़कें बनीं तालाब
बारिश से शहर की कई सड़कें तालाब बन गईं, इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। सड़कों पर पानी भरने से वाहन चालकों को परेशानी हुई। नवग्रह कॉलोनी, गड्ढा वाला मोहल्ला सहित कई क्षेत्रों में बारिश का पानी घरों में भर जाने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
सूखे पड़े बोरिंग की लौटने लगीं सांसें
जून महीने में शहर की चार सौ से अधिक बोरिंगों की सांसें थम चुकी थीं। ये बोरिंग 20 से 30 मिनट के बाद जवाब देना शुरू कर देती थीं। अ'छी बारिश से इन बोरिंगों को जिंदगी मिल गई है। इन बोरिंगों का गिरता हुआ वाटर लेबल अब बढऩे लगा है। डीडी नगर क्षेत्र, थाटीपुर, कंपू सहित कई क्षेत्रों की निजी बोरिंगों में वाटर लेबल बढऩे की बात सामने आ रही है। पीएचई विभाग के अधिकारी ग्राउंड वाटर लेबल रिचार्ज को लेकर नाप की रिपोर्ट करने में व्यस्त हैं। पीएचई विभाग के अफसरों का कहना है कि बीते दिनों शहर में 50 से अधिक बोरिंग पूरी तरह सूख चुकी हैं, ऐसी बोरिंग पर बारिश का असर नहीं हो सका।
लौटने लगी तिघरा की रौनक, लहरें दे रहीं गेटों पर दस्तक
कुछ दिन से शहर पर मेहरबान हुए मेघों से धीरे-धीरे तिघरा बांध की भी रौनक लौटने लगी है। कई महीनों से सूखे पड़े तिघरा में अब पानी छलछला रहा है और लहरों ने भी बांध के गेटों पर दस्तक देना शुरू कर दिया है। जिस तरह से मेघों के बरसने का सिलसिला चल रहा है, उससे जल्द ही गेटों के खुलने के आसार नजर आ रहे हैं। गुरुवार को तिघरा में वाटर लेवल 732.60 फीट के आंकड़े को पार कर गया। बुधवार और गुरुवार को हुई बारिश से करीब 120 एमसीएफटी पानी तिघरा में पहुंचा है। अब करीब 2980.748 एमसीएफटी पानी जमा हो गया है, लेकिन अभी भी जल सकं ट को पूरी तरह खत्म करने के लिए करीब 5.40 फीट पानी की और जरूरत है, तब 1079.9 एमसीएफटी पानी तिघरा में और जमा होगा, जिससे एक साल तक शहर को पानी सप्लाई किया जा सकेगा। वहीं ककेटो पहसारी से फिलहाल पानी ओवर फ्लो नहीं हुआ है, इसके चलते तिघरा को पूरा भरने के बाद ही प्रतिदिन पानी सप्लाई का निर्णय अफसर कर सकेंगे।
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