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Monday, December 3, 2018

चुनावी साल में आंसू बहा रहा अन्नदाता

कोटा - चुनावी चमक से दूर यहां नैनों में आंसूकिसान पीड़ा.....घरों में भंडारण, रोज की चाकरीकोटा। हाड़ौती के किसानों को लहसुन के दामों ने ऐसा दगा दिया कि अब तक भी नहीं उभर पाए है। लहसुन की फिर बुवाई का सीजन आ गया है, लेकिन किसानों के घर-आंगन लहसुन से ठसाठस भरे हैं।

किसानों को सरकार ने लहसुन खरीद का टोकन दे दिया था, इस टोकन से किसान बाजार हस्तक्षेप योजना में 3257 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस कारण लहसुन का भण्डारण कर रखा है। इसकी रखवाली ही किसानों को भारी पड़ रही है।चुनाव नजदीक आते ही सभी चुनावी रंग में रंग गए हैं लेकिन अन्नदाता कहलाने वाला किसान आज भी घरों में अपनी रूलाई रो रहा है। भाव नहीं मिलने से किसानों ने लहसुन घरों में स्टॉक कर रखा है।

पैसे नहीं आए तो उधारी में घर चल रहे हैं। कैथून, झालीपुरा, अर्जनपुरा, सुल्तानपुर, दीगोद, पीपल्दा, बूदाढीत, इटावा क्षेत्र में सैकडों किसान हैं जो लहुसन की फसल का सही भाव नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसी ही दास्तां है कंवरपुरा गांव निवासी किसान गुरप्रीत सिंह की। उसने 7 बीघा खेत में लहसुन पैदा किया लेकिन भाव नहीं मिला तो उन्होंने भविष्य में अच्छे दाम मिलने की आस में सारी फसल का घर पर ही भंडारण कर लिया।

पूरा परिवार इसकी नियमित सार-संभाल में जुटा रहता है। इधर, फसल नहीं बिकी तो पैसे भी नहीं आए। रबी की बुवाई के लिए उधार लेकर खाद बीज की व्यवस्था कर रहे हैं। --कड़वे घूंट:'हर जगह पिसता है किसान:सरकार कोई भी आए लेकिन प्राथमिकता पर किसान रहना चाहिए। भाव नहीं मिलने, समर्थन मूल्य पर खरीद अव्यवस्थाएं, नियम कायदों के साथ कालाबाजारी, खाद-बीज की मारामारी, नहरी पानी...सभी में हर जगह किसान ही पिसता है। राजनेता अपना वोट बैंक साध कर पीछे हट जाते हैं। गुरप्रीत, लहसुन उत्पादक किसान, सुूल्तानपुर ------------------------- --टोकन देकर भी नहीं खरीदापीपल्दा क्षेत्र के किसान गजराज सिंह ने बताया कि 11 बीघा लहसुन किया था। सरकारी कांटे में बेचने के लिए टोकन भी कटा लिया लेकिन नम्बर आते आते कांटे बन्द हो गया। लहसुन अभी तक घर में भरा है।

यह पड़ा-पड़ा खराब होने लगा है लेकिन अभी तक न तो ठीक भाव आए और न ही सरकारी कांटे खुले। अगर सरकारी कांटे पर बिक जाता तो थोड़ा बहुत सहारा लग जाता। --मृतक परिवार पीड़ा किसान.....पहले खूब आए 'पावणाÓ अब कोई नहीं पूछता पीपल्दा. पहले खूब आए जनप्रतिनिधि। बिछावना बिछाते-बिछाते परेशान हो गए थे, अब कोई कुशलक्षेम पूछने तक नहीं आ रहा। मुआवजा दिलवाने का भी बहुत आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला। लहसुन के भाव जमीन खटने से सदमें में आकर जान गंवा बैठे कजलिया निवासी लक्ष्मीचन्द की पत्नी चन्द्रकला ने जब अपना दर्द पत्रिका से साझा किया तो उसे रुलाई फूट पड़ी। उसने बताया कि एक साल के लिए 10 बीघा जमीन काश्त की और उसमें लहसुन कर दिया था।

भाव नहीं होने से साहूकारो से लिया कर्ज चुकाने की परेशानी आ खड़ी हुई और 'उनको (पति)Ó अटैक आ गया। फोटो कैप्शन...पीआई 01-- पीपल्दाकलां क्षेत्र के कजलिया गांव में खेत पर कार्य करते मृतक लक्ष्मीचंद की पत्नी व लड़का।-----लहसुन ब्रीफ - 1.09 लाख हैक्टेयर में हाड़ौती के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड जिले में लहसुन की बुवाई- 1.08 लाख हैक्टैयर में गत वर्ष हाड़ौती के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड जिले में लहसुन की बुवाई हुई थी-

इस साल 7.16 लाख मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन- गत वर्ष 800 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल में मंडियों में लहसुन बिका- गत वर्ष 3200 रुपए प्रति क्विंटल में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन खरीदा- इस साल 3257 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बाजार हस्तक्षेप योजना क तहत लहसुन की खरीद हुई।- सवा लाख क्विंटल लहसुन की सरकारी खरीद हुई।- 40 हजार किसानों को खरीद के टोकन देकर भी लहसुन नहीं खरीदा गया। - मंडियों में इन दिनों रोजाना करीब 10 हजार क्विंटल बिकने आ रहा है।- भाव 10 से 25 रुपए किलो चल रहे हैं।

....लहसुन के कम दाम मिलने से आहत एक साल में 11 किसान कर चुके खुदकुशी 1.सत्यनारायण मीणा, रौण,इटावा जिला कोटा, 3 जून 20172. संजय मीणा सकरावदा, नाहरगढ़ जिला बारां 21 जून 20173. बगदीलाल राठौर, सुनेल, जिला झालावाड़ 23 जून 20174. शेख हनीफ डग जिला झालावाड़ 24 जून 20175.मुरलीधर मीणाए श्रीपुरा, इटावा जिला कोटा 27 जून 20186. बनवारीलाल मालव किशनगंज, सुल्तानपुर, जिला कोटए 7 जुलाई 20177. रेवड़ी लाल मेघवाल, रहलाई, अटरू, जिला बारां, 19 अप्रेल 20188. लक्ष्मीचंद सुमनए कजलिया, इटावा जिला कोटा, 23 अप्रेल 20189. महावीर धाकड़ खैराली, किशनगंज बारां जिला 8 मई 201810.हुकमचंद मीणा, बृजनगर, देवलीमांझी जिला कोटा 23 मई 201811. चतुभुर्ज मीणा, बदलदेवपुरा, कवाई, जिला बारां 24 मई 2018पीआई 03 --पीपल्दाकलां. सरकारी खरीद में नम्बर नहीं आने से घर में भरे लहसुन की सफ ाई करती महिलाएं।फोटो कैप्सन-सुल्तानपुर क्षेत्र के कंवरपुरा गांव में अच्छे भाव की आशा में किसान के घर पर किया गया लहसुन का भंडारण। फोटो नम्बर-01123



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