रावतभाटा.
सिंचाई विभाग की ओर से ठीक तरह से निगरानी नहीं करने का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। शुरूआती स्तर पर ही कई स्थानों से नहर में कट लगाकर पानी की चोरी की जा रही है। राणाप्रताप सागर बांध से निकली नहर से क्षेत्र के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए गत 20 नवम्बर से जलप्रवाह शुरू किया गया था।
जलप्रवाह शुरू होते ही अधिकांश किसानों ने नहर के पानी में सेंध लगाना शुरू कर दिया। यहां महापालेश्वर मंदिर के पीछे से निकल रही नहर को तीन स्थानों से क्षतिग्रस्त कर कुछ किसान चाम्बला क्षेत्र में स्थित उनके खेतों में पानी ले जा रहे हैं। मतलब साफ तौर पर अन्य किसानों के हक के पानी पर ये लोग डाका डाल रहे हैं। वहीं नागणी के पास भी नहर को क्षतिग्रस्त कर पानी की खुलेआम चोरी की जा रही है।
इस सब का नतीजा यह कि नहर के अंतिम छोर के किसान पानी को तरस रहे हैं। उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा। वे वे बेसब्री से खेतों में पानी पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि जैसे ही नहर में जलप्रवाह शुरू होता है तो नहर को क्षतिग्रस्त कर पाइपों के माध्यम से अपने खेतों तक पानी पहुंचाने का काम शुरू कर देते हैं। पालेश्वर मंदिर के पीछे भी किसानों ने नहर को क्षतिग्रस्त कर उसे कांटेदार झाडिय़ों से ढक रखा है, ताकि एकाएक किसी को नहर के टूटी होने का एहसास नहीं है।
बना रखे हैं लम्बे चौड़े भाग में धोरे
चाम्बला क्षेत्र में चोरी से नहर का पानी पहुंचाने के लिए किसानों ने नहर से लेकर दूर स्थित उनके खेतों तक धोरे बना रखे हैं। जिनकी सहायता से बेरोकटोक नहरी पानी खेतों तक पहुंच रहा है।
करेंगे सख्त कार्रवाई
इस बारे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पूरणचंद मेघवाल ने बताया कि अवैध रूप से नहरी पानी लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नहरी क्षेत्र की निगरानी को और प्रभावी किया जाएगा।
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