
जितेन्द्र चौरसिया, भोपाल. लोकसभा का चुनावी संग्राम मध्यप्रदेश में अहम पड़ाव पर पहुंच गया है। मौसम के साथ सियासत और गरमा गई है। प्रदेश में तीसरा चरण कई दिग्गज नेताओं के नाम होगा।
देश की हॉट सीटों में शुमार भोपाल में दिग्विजय सिंह-प्रज्ञा ठाकुर के रण से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर तक के भाग्य का फैसला इसी चरण में होगा। जीत के लिए दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। दो चरणों से सबक लेकर तीसरे चरण के लिए नेताओं ने रणनीति में भी बदलाव किया है।
उधर, देश में अब तक पांच चरण पूरे हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश में स्टार प्रचारकों का जमावड़ा भी लगने लगा है। बड़ी सियासी जंग भोपाल सीट पर ही है। यहां दिग्विजय के समर्थन में जहां राजबब्बर, जावेद अख्तर, स्वामी अग्निवेश, भूपेश बघेल जैसे दिग्गज आ चुके हैं।
वहीं, प्रज्ञा ठाकुर के लिए शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेता सभा और रैली कर चुके हैं। दोनों ओर से दूसरे बड़े नेताओं का आना अभी शेष है। दिग्विजय के लिए राहुल या प्रियंका गांधी आ सकते हैं तो प्रज्ञा के समर्थन में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आने की संभावना है।
भोपाल
भोपाल सीट पर पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर में सियासी जंग है। दिग्विजय विकास और मुद्दों का एजेंडा लेकर चुनाव लड़ रहे हैं तो प्रज्ञा के पीछे संघ-भाजपा वोटों के धार्मिक धुव्रीकरण को केंद्र बिन्दु बनाकर दांव चल रही है। चुनाव प्रबंधन के अंतिम दौर में डोर-टू-डोर जनसंपर्क बढ़ गया है। दिग्विजय अब संसदीय क्षेत्र की पदयात्रा की राह पर हैं। वहीं, प्रज्ञा धर्म की अलख जगा रही हैं।
गुना
यूपी की सीटों के प्रभार के कारण गुना सीट पर इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को समय कम मिला, लेकिन चुनावी बिसात ऐसी बिछी कि बसपा प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह राजपूत उनके साथ हो गए। सिंधिया के कारण यह सीट भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के टारगेट पर थी, लेकिन बाद में भाजपा ने केपी यादव को प्रत्याशी बनाया। इस सीट पर अब सिंधिया की साख दांव पर है। अंतिम चरण में वे प्रचार करते हुए इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं।
मुरैना
ग्वालियर सीट बदलकर मुरैना पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। मुरैना उनकी पुरानी सीट रही है, लेकिन पांच साल में यहां चुनौतियां कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं। कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत हैं, जो विधानसभा चुनाव की हार का बदला संसदीय चुनाव में लेना चाहते हैं। तोमर भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं, इसलिए उनकी सीट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
किस चरण में किन सीटों पर वोटिंग
पहला चरण- सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा
दूसरा चरण - टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल।
तीसरा चरण - मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़।
चौथा चरण - देवास, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन, खंडवा, मंदसौर, उज्जैन।
प्रदेश के तीसरे चरण की सीटों पर ऐसे हैं हाल
भिंड : यहां भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक संध्या राय व बसपा से कांग्रेस में आए देवाशीष जरारिया के बीच जंग है। पूरा वोट जातीय समीकरणों पर टिका है। भाजपा ने मौजूदा सांसद भागीरथ प्रसाद का टिकट काटकर संध्या को मैदान में उतारा है।
ग्वालियर : यहां भाजपा प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह में मुकाबला है। यहां से मौजूदा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर एंटी-इंकम्बेंसी से बचने के लिए सीट बदल चुके हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां मजबूत हुई है।
सागर : यहां भाजपा प्रत्याशी राजबहादुर सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी प्रभु सिंह ठाकुर आमने - सामने हैं। दोनों पार्टियों ने यहां चेहरे बदलने का दांव खेला है। यह सीट 1996 से भाजपा के पास है। भाजपा ने लक्ष्मीनारायण यादव का टिकट काटा है।
विदिशा : 1989 से यहां भाजपा जीतती आई है। अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और शिवराज सिंह चौहान के कारण पहचानी जाने वाली विदिशा सीट पर भाजपा ने नए चेहरे रमाकांत भार्गव तो कांग्रेस ने शैलेंद्र पटेल को मौका दिया है।
राजगढ़ : यह दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है, लेकिन उनके खेमे से मोना सुस्तानी कांग्रेस प्रत्याशी हैं। भाजपा ने मौजूदा सांसद रोडमल नागर को ही दोबारा उतारा है। यहां का क्षेत्र कांग्रेस में दिग्विजय गुट ने ही संभाल रखा है।
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