
भोपाल@रिपोर्ट - राजेन्द्र गहरवार
छोटे किसानों के साथ बटाईदारों और खेत किराए पर लेने वाले काश्तकारों को अब आसानी से कर्ज मिल सकेगा। केन्द्र सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेने जा रही है। कृषि ऋण में से 50 फीसदी रकम इस श्रेणी के किसानों को देने का प्रस्ताव है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय जल्द ही मंत्रिमंडल में सारंगी समिति की सिफारिशों पर आधारित प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है,
इसमें छोटे और सीमांत किसानों के लिए ऋण सुविधा बेहतर करने पर जोर होगा। कृषि मंत्रालय ने बैंकों से आंकड़े मांगे हैं, ताकि ऋण का वितरण बेहतर और लक्षित हो सके। केंद्रीय कृषि मंत्रालय में डायरेक्टर पद्मजा सिंह ने पत्रिका को बताया केबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है, इसके जल्दी रखे जाने की उम्मीद है।
नीति आयोग तय करेगा प्रक्रिया
ब टाईदारी पर खेती करने वालों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए नीति आयोग उपयुक्त प्रक्रिया ढूंढने पर काम कर रहा है। राज्य सरकारों से भी इस बारे में सुझाव मांगे गए हैं, ताकि बटाइदारों और किराए पर जमीन लेकर खेती करने वालों को सीधे बैंक के दायरे में लाया जा सके। इन किसानों को छोटी अवधि के कर्ज में ब्याज में रियायत दी जाएगी।
राज्यों को राहत
केंद्र सरकार के इस कदम से मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों को बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल, काफी प्रयास के बाद भी राज्य सरकारें बटाईदारों और किराए पर जमीन लेने वाले किसानों के लागत और जोखिम को कम करने में सफल नहीं हो पा रही थीं। क्षतिपूर्ति दिए जाने को लेकर भी पेंच फंसे होने से सीधी मदद नहीं मिल पा रही थी। अब इसके जरिए राज्य सरकारें लाखों किसानों को साध सकेंगी।
प्रदेश में भी प्रयास
प्रदेश में 73.60 लाख छोटे और सीमांत किसान हैं। इनमें से अधिकतर किसान अपनी खेती बढ़ाने के लिए किराए और बटाई पर बड़े किसानों की जमीन लेते हैं। इसके खर्च की व्यवस्था उन्हें बाहर से करनी पड़ती है। मप्र सरकार अपने स्तर पर लघु-सीमांत किसानों को अधिक मदद करने का प्रयास कर रही है। लीड बैंक के एजीएम अजय व्यास ने बताया कि इस संबंध में राज्य बैंकर्स कमेटी और मप्र सरकार संयुक्त रूप से इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है, अंतिम निर्णय उच्च स्तर पर होना है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2sdsdHO
No comments:
Post a Comment