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Thursday, July 19, 2018

230 अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने में जुटी सरकार, लोकायुक्त ने दिया अल्टीमेटम

अशोक गौतम,

भोपाल. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली तो लोकायुक्त संगठन सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा। लोकायुक्त ने इसके लिए सरकारी महकमों को तीन महीने का अल्टीमेटम दिया है।

इसके बाद सभी प्रकरण हाईकोर्ट के समक्ष रख देंगे। साथ ही शिकायत मिलने के बाद दस्तावेज हासिल करने के लिए जांच एजेंसी सरकार के भरोसे नहीं रहेगी। इसके लिए एक समयसीमा तय कर दस्तावेज जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। लोकायुक्त के इस कड़े रुख से विभागों में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों के अनुसार लोकायुक्त संगठन ने 230 प्रकरणों की जांच पूरी कर ली है। इनमें प्रशासनिक सेवा के अफसर से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी आरोपी हैं। चालान पेश करने के लिए सरकार की अनुमति नहीं मिलने से ये प्रकरण कोर्ट में नहीं जा पाए। कई मामले ऐसे हैं, जिनमें जांच में दोषी पाए गए अफसर सेवानिवृत हो गए।

लोकायुक्त ने लंबित प्रकरणों की समीक्षा के लिए अधिकारियों को तलब कर पूछा, अभियोजन की मंजूरी देने में उन्हें दिक्कत क्या है। लोकायुक्त ने उनके तर्कों से असहमत होकर तीन माह की मोहलत दी है।

टॉप पर राजस्व विभाग
लोकायुक्त के लंबित प्रकरणों में राजस्व विभाग पहले नंबर पर है। विभाग के 71 प्रकरणों की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन सरकार से मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है। सामान्य प्रशासन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 26-26 मामले लंबित हैं। लोकायुक्त ने 23 विभागों के अभियोजन स्वीकृति के अटके 230 प्रकरणों की सूची सरकार को भेजी है।

 

चुप नहीं रहेगा लोकायुक्त
शिकायत मिलने पर लोकायुक्त जांच और रेकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए मामले विभागों को भेज देता है। सरकार इन्हें लंबा खींचती रहती है। अब लोकायुक्त इस पर चुप नहीं बैठेगा। विभागों के समय पर रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर छापे व तलाशी की कार्रवाई कर रेकॉर्ड जब्त करेगा।

भोपाल नगर निगम के फ्यूल घोटाले की फाइलों की जब्ती के साथ इसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया गया है कि लोकायुक्त की ओर से भेजे ऐसे 170 मामले सरकार की फाइलों में दबे पड़े हैं।

जिन मामलों में सरकार अभियोजन की स्वीकृति नहीं दे रही है, उनके खिलाफ लोकायुक्त हाईकोर्ट जाएगा। फिलहाल विभागों को बुलाकर उनसे अभियोजन की स्वीकृति देने की नसीहत दी जा रही है।
- जस्टिस एनके गुप्ता, लोकायुक्त



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