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Thursday, July 19, 2018

खुलासा : भोपाल की आंगनबाड़ी सबसे खराब

अशोक गौतम,

भोपाल. प्रदेश के माथे से कुपोषण का दाग दूर करने का दावा करने वाली सरकार राजधानी में ही फेल हो गई। आंगनबाडिय़ों की ग्रेडिंग में सबसे खराब हालत भोपाल जिले की है। प्रदेश के 23 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों का रेकॉर्ड ही नहीं है, जबकि सरकार कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाडिय़ों पर सालाना लगभग 4000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

आंगनबाड़ी केंद्रों की ग्रेडिंग महिला बाल विकास विभाग के सर्वे के आधार पर की गई है। सर्वे में कुपोषित बच्चों की संख्या, उनका रेकॉर्ड, लाड़ली लक्ष्मी योजना का ब्योरा, केंद्रों का संचालन और पोषण आहार वितरण सहित 24 पैरामीटर शामिल थे।

60 फीसदी से अधिक अंक पाने जिले को 'एÓ ग्रेड में रखा गया। इसमें केवल खंडवा आया। 27 जिले 'बीÓ ग्रेड आए। 45 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले 23 जिले 'सीÓ ग्रेड में रखे गए हैं। इनमें से 19 में महिला बाल विकास परियोजना को 30 प्रतिशत से कम अंक मिले हैं। उन्हें डी ग्रेड में रखा गया।

- इन दिग्गजों के जिलों में भी स्थिति बदहाल
आंगनबाड़ी केंद्रों के मामले में मंत्रियों और बड़े नेताओं के जिले अधिक पिछड़े हैं। भोपाल की गोविंदपुरा परियोजना हर पैरामीटर पर फिसड्डी है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का निर्वाचन क्षेत्र इंदौर, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का विदिशा और थावरचंद गेहलोत का शाजापुर जिला भी 'सीÓ ग्रेड में है।

प्रदेश सरकार के मंत्रियों में जयंत मलैया दमोह, मुरैना रुस्तम सिंह मुरैना, यशोधरा राजे सिंधिया, जयभान सिंह पवैया, नारायण सिंह कुशवाहा ग्वालियर, राजेन्द्र शुक्ला रीवा, ललिता यादव छतरपुर और दीपक जोशी के देवास जिले की आंगनबाडिय़ों की स्थिति भी खराब है।

 

- पांच जिलों की स्थिति अच्छी
सर्वे में सिर्फ पांच जिलों की आंगनबाडिय़ों को अच्छी स्थिति पाई गई है। इन्हें 50 फीसदी से ज्यादा अंक मिले हैं। 62 फीसदी अंक सिर्फ खंडवा की आंगनबाडिय़ों को दिए गए हैं। खंडवा ग्रामीण परियोजना की आंगनबाडिय़ों को ए-प्लस ग्रेड मिला है, जो उत्कृष्ट आंगनबाडिय़ां मानी जा रही हैं। इसकी मार्किंग 75 फीसदी से ऊपर की गई हैं। महिला एवं बाल विकास इन आंगनबाडिय़ों को प्रदेश के अन्य आंगनबाडिय़ों के मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है।

- सुधार करने के निर्देश
महिला एवं बाल विकास आयुक्त अशोक कुमार भार्गव ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह आंगनबाडिय़ों का सतत भ्रमण करें। कमजोर आंगनबाड़ी केंद्रों में सेक्टर पर्यवेक्षक दौरा कर मॉनिटरिंग करें।

 



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