सोंईकला । सरकारी स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के शासन के निर्देशों के बाद भी जिले में कई स्कूलों में बच्चों को पानी नहीं मिल पा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति इन दिनों सोंईकला के हायरसेकंडरी स्कूल में उत्पन्न हो रही है, जहां बोर फेल होने से विद्यालय के चार सैकड़ा बच्चे पानी के लिए परेशान बने हुए हैं। हालांकि स्कूल प्रबंधन ने पीएचई और ग्राम पंचायत को भी अवगत कराया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली है। जिसके चलते स्कूल में पेयजल संकट बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि श्योपुर-सवाईमाधोपुर हाइवे पर बने नवीन भवन में लगभग चार साल पूर्व सोंईकला का हायरसेकंडरी स्कूल शिफ्ट हुआ। स्कूल भवन निर्माण के दौरान ही यहां ट्यूबवेल लगाया गया, जिसमें मोटर डालकर विद्यालय के बच्चों को पानी की सुविधा दी जा रही थी। लेकिन भू-जलस्तर गिरने के कारण गत 12 जुलाई को ये ट्यूबवेल फेल हो गया, जिसके चलते स्कूल में पानी का संकट खड़ा हो गया है। हालांकि विद्यालय प्रबंधन जैसे तैसे पानी की वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है, लेकिन चार सैकड़ा बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था करना काफी मुश्किल है। यही कारण है कि विद्यालय के बच्चे पानी के लिए स्कूल के आसपास घरों या ट्यूबवेलों पर हाइवे पर कर जाते हैं, जिससे हादसों का भी खतरा बना हुआ है। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने पीएचई और ग्राम पंचायत को पत्र लिखे, लेकिन दोनों विभागों के जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया है। इस संबंध में स्कूल प्राचार्य जीएस आशावत का कहना है कि बीते 10 दिनों से बोर खराब है, जिससे काफी दिक्कतें आ रही हैं, जिसके लिए हमने पीएचई और ग्राम पंचायत को पत्र लिख दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मिडिल स्कूल में भी खराब पड़ा हैंडपंप
सोंईकला के शासकीय मिडिल स्कूल में भी बीते एक पखवाड़े से पानी का संकट है। यहां लगी बोर भी एक पखवाड़े पूर्व फेल हो गई, जबकि यहां लगा एकमात्र हैंडपंप तो कई महीनों से खराब पड़ा है। जिसके चलते विद्यालय के बच्चों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। यहां भी विद्यालय प्रबंधन ने पीएचई और पंचायत को अवगत कराया, लेकिन स्थिति जस की तस है।
...इधर कराहल के सिलपुरी स्कूल का हैंडपंप खराब
कराहल ब्लॉक के ग्राम सिलपुरी में संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में लगा हैंडपंप बीते डेढ़ साल से खराब पड़ा हुआ है। जिसके चलते बच्चे मध्याह्न भोजन के बाद पानी पीने के लिए अपने घरों पर जाते हैं। विद्यालय के शिक्षक हरिओम राठौर का कहना है कि बीते डेढ़ साल में हैंडपंप खराब होने को लेकर हमने कई शिकायतें प्रशासन से की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हैंडपंप खराब होने के कारण मध्याह्न भोजन के बाद बच्चे पानी पीने के लिए परेशान होते रहते हैं।
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