भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस के एक नेता ने कानूनी नोटिस भेजा है। उस नोटिस में उन्होंने माफी मांगने की बात कही है, माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। इस पत्र के बाद राजनीति गर्मा गई है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कानूनी नोटिस भेजा है। एक वकील के हवाले से भेजा गए इस नोटिस में कहा गया है कि चौहान ने कांग्रेस के नेता केके मिश्रा के खिलाफ भोपाल की जिला अदालत में व्यक्तिगत मानहानि के मामले में बयान दिया था। शपथपूर्वक दिए बयान में मिश्रा को विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति बताया गया है। इसके बाद मिश्रा ने एक वैधानिक नोटिस भेजकर उनसे माफी मांगने को कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि तीन दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वकील की ओर से भेजे गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि मिश्रा के खिलाफ मुख्यमंत्री ने मानहानिकारक आक्षेप राजनीतिक कारणों से लगाए हैं, जबकि वे मानसिक तौरपर पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और कई अहम पदों पर भी कार्य कर रहे हैं।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मोदी सरकार की ओर से ही मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 में इसे पारित किया गया है।
-इस अधिनियम में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को उसके इलाज के लिए प्रयुक्त शब्दावली के अतिरिक्त किसी भी स्थिति में मानसिक रूप से बीमार नहीं कहा जा सकता है। विशेषकर राजनीतिक कारणों से तो कतई नहीं।
गुप्ता के मुताबिक पारित अधिनियम में उपचाररत मरीज को भी मानसिक बीमार नहीं कहा जा सकता है तो संवाधानिक पद पर काबिज एक मुख्यमंत्री की ओर से न्यायालय में शपथपूर्वक दिए गए अपने कथन में मानसिक रूप से स्वस्थ किसी व्यक्ति को किस प्रमाण के आधार पर विकृत मानसिकता वाला घोषित करार किया गया। मुख्यमंत्री का यह प्रामाणिक कथन धारा 499-500 के तहत मानहानिकारक है।
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