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Tuesday, July 24, 2018

स्मार्ट सिटी : प्रोजेक्ट फायनल, मॉड्यूल तय... तो अब मंत्री कैसे कराएंगी जयपुर की तर्ज पर ग्वालियर में काम?

ग्वालियर। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत सुंदर और विकसित बनाने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट बनाए, मॉड्यूल तय हुआ, राशि भी फायनल हो गई। इसके बाद प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह द्वारा जयपुर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हुए स्मार्ट स्कूल, कमांड कंट्रोल सेंटर और बाजारों के प्रोजेक्ट को बेहतर बताकर ग्वालियर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में काम कराने की बात कही हैं।

मंत्री के बयान के बाद सवाल खड़े हो गए हैं कि सब कुछ फायनल होने के बाद जयपुर की तर्ज पर शहर में कैसे मंत्री काम करा पाएंगीं। लोगों का कहना है कि मायासिंह ने जयपुर की तर्ज पर काम कराने का प्रयास किया तो उनको अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में सदर बाजार जैसे कई क्षेत्रों को अतिक्रमण से मुक्त कराना होगा। यदि वे अगर जयपुर को देखने की बजाय ग्वालियर का पुराना नक्शा देखकर काम करवा दें तो शहर जयपुर से काफी स्मार्ट बन सकता है।

इच्छाशक्ति हो तो ग्वालियर ही बेहतर

1. स्वर्णरेखा में जयपुर की दृव्यवती नदी की तरह काम की बात हो रही है, लेकिन ग्वालियर में अभी तक न अतिक्रमण हटे और न ही नदी की सीवर लाइन से डिफेक्ट दूर हो पाया।

2. जयपुर के मसाला चौक की तरह फूलबाग के पास चौपाटी पहले से ही संचालित है, इसमें नया करने के लिए नई जगह और फंड कहां से लाएंगे?
3. नगर प्रशासन मंत्री स्वयं की विधानसभा में बने हॉकर्स जोन में अभी तक ठेलों को नहीं पहुंंचा पाई हैं।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टस

मोतीमहल : कंट्रोल कमांड सेंटर और स्मार्ट सिटी कार्यालय के लिए 6.20 करोड़ स्वीकृत हो चुके हैं, 6 महीने में काम पूरा होगा।
क्षेत्रीय आर्ट एवं क्राफ्ट सेंटर : 54 लाख रुपए, प्लेनेटोरियम एवं डिजिटल वर्चुअल म्यूजियम के लिए 6.78 करोड़ का प्रावधान है, 8 माह समय समा है।

स्मार्ट सड़क : डेढ़ किलोमीटर की सड़क के लिए 17 करोड़ 12 लाख रुपए का प्रावधान है। 14 करोड़ 8 लाख रुपए में पर्यटक सूचना केन्द्र बनना है।

कचरा प्रबंधन : चीन की कंपनी को ठेका दिया जा चुका है। इसके अंतर्गत 15 अस्थाई कचरा संग्रहण केन्द्र बनना है, 9 जगह काम शुरू हो चुका है।

यात्रा सरकारी बनाने का प्रयास
सूत्रों की मानें तो मंत्री मायासिंह जयपुर में केन्द्रीय मंंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे के विवाह में शामिल होने गई थीं। यात्रा को सरकारी बनाने स्मार्ट सिटी सीईओ को बुलाकर भ्रमण और बैठक की औपचारिकता पूरी की गई है।



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