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भोपाल। कॉलेज में पढऩे वाले युवाओं को साधने के लिए सपाक्स ने विक्की शर्मा पर दांव खेला है। उसे पोस्टर बॉय बनाते हुए सपाक्स के विद्यार्थी संगठन का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। विक्की ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने आरक्षण पर सवाल उठाया था। लैपटॉप वितरण योजना पर बेवाकी से कहा था कि मामाजी शिक्षा में जाति मत देखिए। इसके बाद से विक्की सुर्खियों मेें आ गया।
बाद में सरकार ने नियम बदले और 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले सभी विद्यार्थियों को लैपटॉप के पात्र घोषित किया। सपाक्स विक्की के सहारे पूरे प्रदेश में छात्रों का संगठन खड़ा करने की तैयारी में है। इसके जरिए पहली बार वोट डालने वालों पर भी सपाक्स की नजर है।
संगठन के संरक्षक रिटायर्ड आइएएस हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि विक्की को जिम्मेदारी दी गई है कि वह उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ स्कूलों में भी संगठन बनाए। यह संगठन छात्रसंघ के चुनाव में भी हिस्सा लेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जरूरत हुई तो विक्की को सपाक्स समाज पार्टी के चुनावी कैंपेन में भी उतारा जाएगा।
यह था मामला
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा छू लो आसमां अभियान के तहत 21 मई को राजधानी में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छात्रों से संवाद कर रहे थे तो 12 वीं पास करने वाले छात्र विक्की शर्मा ने लैपटॉप वितरण योजना पर सवाल खड़े किया।
उसने कहा, हमारे साथ पढऩे वाले आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी के 75 प्रतिशत नंबर पर लैपटॉप मिलेगा, लेकिन हमें 80 प्रतिशत नंबर पर भी नहीं ऐसा क्यों। सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 85 प्रतिशत अंकों की पात्रता क्यों रखी गई है। शैक्षणिक संस्थानों में भी जाति की पहचान तलाशना क्या अच्छा है।
विक्की के इस सवाल पर मुख्यमंत्री भी निरुत्तर रह गए थे। बाद में सपाक्स ने उसे लैपटॉप भेंट किया था। सरकार ने भी नियम बदलकर 75 प्रतिशत अंक पाने वाले सभी छात्रों के लिए लैपटॉप देने का फैसला किया गया।
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