
भोपाल. अतिक्रमण के कारण संकरी हुई सड़कों एवं वाहनों के लगातार बढ़ रहे दबाव से पुराने शहर की सड़कों पर पहले से बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था दिनोदिन बदतर हो रही है। इसकी वजह यहां लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल्स का दम तोडऩा है। मौजूदा स्थिति ये है कि हमीदिया रोड समेत अन्य मुख्य मार्गों पर आधा दर्जन ट्रैफिक सिग्नल्स खराब हैं, जिसके कारण ट्रैफिक कंट्रोल करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
रही सही कसर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी ने पूरी कर दी है। नतीजतन मुख्य मार्गों पर दिनभर वाहनों की कतार लगी रहती है। यहां लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल्स में से किसी की सोलर प्लेट खराब हो गई है तो किसी का टाइमर। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मौजूदगी नहीं होने से वाहन चालक रॉन्ग साइड से आवाजाही करने से भी बाज नहीं आते हैं। ये स्थिति तब है जब पुराने शहर के हमीदिया रोड, बैरसिया रोड पर वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है।
इन मार्गों से दो पहिया, चार पहिया वाहनों के अलावा यात्री बसों एवं लोफ्लोर बसों की आवाजाही दिनभर रहती है। गौरतलब है कि चार साल पहले आधा दर्जन प्रमुख स्थानों पर तकरीबन पचास लाख की लागत से ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे, पर ये अब दम तोड़ चुके हैं। इनकी मरम्मत की फिक्र भी जिम्मेदारों ने नहीं ली है।
यहां लगता है जाम
पुराने शहर स्थित भारत टॉकीज, अल्पना टॉकीज, भोपाल टॉकीज चौराहा समेत नादरा बस स्टैंड चौराहे पर दिन में कई बार जाम लगता है। यहां ट्रैफिक सिग्नल्स बंद रहते हैं, ट्रैफिक को सुचारू बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती भी यहां नहीं की जाती है। इसी तरह डीआइजी चौराहा और करोंद चौराहा भी ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि यहां हर आधे घंटे में वाहनों की लंबी कतार लग जाती हैं।
वाहनों का बढ़ता दबाव
हमीदिया रोड समेत अन्य मुख्य मार्गों पर आधा दर्जन चौराहे ऐसे हैं जहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है, इसके बावजूद यहां खराब सिग्नल्स को दुरुस्त नहीं किया गया है। यहां पुलिसकर्मियों की मौजूदगी नहीं रहती है। भारत टॉकीज, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज चौराहा समेत करोंद चौराहा एवं रॉयल मार्केट तिराहा से प्रति घंटे औसतन एक हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। ट्रैफिक जाम होने से वाहन चालक रॉन्ग साइड से आवाजाही करने से भी बाज नहीं आते हैं, जिससे हालात और भी बदतर हो जाते हैं।
अतिक्रमण ने बिगाड़े हालात
पुरने शहर की सड़कों पर पसरा अतिक्रमण दिनोदिन विकराल समस्या बनता जा रहा है। सड़क किनारे कई फीट तक दुकानें बढ़ा ली गई हैं, जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। इसी तरह अवैध निर्माण इस परेशानी को कई गुना बढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के बजाय संबंधित थानों के पुलिसकर्मियों का पूरा ध्यान हेलमेट चेकिंग पर रहता है। कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि चेकिंग से बचने के लिए वाहन चालक रॉन्ग साइड से वाहन ले जाते हैं। जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है।
पुराने शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कवायद बेकार साबित हो रही हैं। जिम्मेदार विभाग एवं अधिकारी इस ओर गंभीर प्रयास नहीं कर रहे हैं। ट्रैफिक सिग्नल्स महीनों से बंद हैं, पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एसएस राजपूत, रहवासी, इब्राहिमपुरा
ट्रैफिक पुलिस पुराने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने का प्रयास कर रही है। बंद हो चुके सिग्नल्स को दुरुस्त कराने की कोशिश की जा रही है। मुख्य मार्ग पर हाथ ठेलों एवं अन्य दुकानों के अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया है। समस्या के समाधान के लिए जनता को भी जागरूक होना होगा।
-विकास दुबे, एएसपी, ट्रैफिक
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