
कोटा. नगर निगम के गैराज अनुभाग के डीजल घोटाले की जांच राज्य सरकार के स्तर पर करवाई जाएगी। इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले जिला स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने आए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास और नगर निगम के कामकाज की जल्द समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी शहरों के विकास का प्लान तैयार करवाया जा रहा है। कोटा के विकास के कामों का खाका आगामी डेढ़ माह में तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोटा समेत प्रदेश के प्रत्येक शहरी क्षेत्र में पांच साल में सरकार क्या-क्या ढांचागत विकास कार्य करवाएगी, नगरीय यातायात व्यवस्था में कैसे सुधार हो सकता है, इसका विस्तृत प्लान तैयार करवाया जा रहा है। धारीवाल ने कहा कि वे जो विकास कार्य शुरू करेंगे, उनका लोकार्पण भी वे ही करेंगे। कोटा की जनता से तीन माह शहर के विकास की कार्य योजना तैयार करने का वादा किया था, अभी डेढ़ माह हुआ है, कार्य योजना बनाई जा रही है। तीन माह में शहर की जनता के सामने हमारी सरकार के पांच में किए जाने वाले कार्यों का ब्योरा दिया जाएगा।
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यह था मामला
गौरतलब है कि 16 जनवरी को नगर निगम की कार्य समिति की बैठक हुई थी। इसमें गैराज समिति के अध्यक्ष गोपालराम मण्डा ने गैराज के वाहनों में डीजल भरवाने में घोटाले का मामला उठाया था। इसे बाद महापौर और आयुक्त ने जांच कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी पार्षदों के अलावा उपायुक्त श्वेता फगेडिय़ा को भी शामिल किया गया था, लेकिन दूसरे दिन उपायुक्त का नाम जांच कमेटी से हटा दिया गया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने महापौर के चैम्बर के बाहर धरना दिया था। विवाद बढऩे पर आयुक्त जुगलकिशोर मीणा ने जांच के लिए पत्र डीएलबी को भेज दिया था।
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