
कोटा. खेत में अवैध रूप से गांजे की खेती करने के करीब दो वर्ष पुराने मामले में शुक्रवार को एनडीपीएस विशिष्ट न्यायालय की न्यायाधीश ने पिता-पुत्र को 8-8 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक संजीव विजय ने बताया कि सुल्तानपुर पुलिस 25 फरवरी 2017 को किशोरपुरा गांव में गश्त कर रही थी। इसी दौरान गांव निवासी महावीर और उसके पिता देवीलाल अचानक पुलिस को आते देखकर घबरा गए। इस पर पुलिस ने उनसे पूछताछ की। इस पर उन्होंने बताया कि वह खेत में लहसून की फसल को पानी पिला रहे थे। इस पर पुलिस ने खेत का निरीक्षण किया तो खेत के बीच में गांजे के 15 पौधे लगे नजर आए। पुलिस ने गांजे की खेती का लाइसेंस मांगा तो उनके पास लाइसेंस नहीं मिला। इस पर पुलिस ने खेत में लगे पौधों को उखाड़ कर वजन करवाया। जिसमें बरामद गांजे के पौधों का वजन 17 किलो 780 ग्राम पाया गया। पुलिस ने गांजे के पौधे जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने इस मामले में दोनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। जहां विशिष्ट न्यायाधीश अनुपमा राजीव बिजलानी ने दोनों पक्षों के तर्क सुने। न्यायाधीश ने 13 गवाहों के बयान के आधार पर दोनों को दोषी मानते हुए 8-8 वर्ष के कठोर कारावास व 60-60 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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पिटाई नहीं करने के बदले 7 हजार वसूलने वाला कांस्टेबल निलम्बित
कोटा. सुकेत थाना क्षेत्र में हत्या कर साक्ष्य मिटाने के मामले में पुलिस अभिरक्षा में चल रहे आरोपी की पिटाई नहीं करने के बदले 7 हजार रुपए वसूलने के मामले में एसपी ग्रामीण ने कांस्टेबल इस्लाम को निलम्बित कर दिया।
ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि सुकेत थाना क्षेत्र में युवक इमरान षड्यंत्र रचकर हत्या करने व साक्ष्य मिटाने के मामले में पुलिस अभिरक्षा में चल रहा था। यहां कांस्टेबल इस्लाम ने आरोपी से 10 अक्टूबर 2018 को अनुसंधान के दौरान पिटाई नहीं करने की एवज में 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी। आरोपी के परिजनों ने इस्लाम को 7 हजार रुपए दे दिए। जांच में मामला सही पाए जाने पर कांस्टेबल को निलम्बित कर दिया गया।
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