
भोपाल. विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से बातचीत के बाद बुधवार को किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया। सीएम ने आंदोलन के पहले ही दिन समन्वय भवन में एक घंटे किसानों के साथ संवाद कर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने किसानों से कहा, आप लोग बताएं क्या समस्याएं हैं। इस पर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के संयोजक शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने 23 सूत्रीय मांगें बताईं। संवाद खत्म हुआ तो किसानों ने आंदोलन वापसी का ऐलान कर दिया। इस दौरान किसान कर्जमाफी को लेकर भी चर्चा हुई।
कमेटी करेगी समीक्षा
कमलनाथ ने कहा, किसानों की समस्याओं के हल के लिए राज्य स्तरीय कमेटी बनेगी। यह कमेटी तीन माह में समीक्षा रिपोर्ट देगी। इसके अध्यक्ष सीएम ही होंगे। कमेटी समस्याओं के निराकरण के लिए निरंतर काम करेगी।
यह है किसानों की मांग
-स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए।
-कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाए।
-मंडी में उपज समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर बिकने पर रोक लगे।
-सरकार की तरफ से किसान कर्ज माफी स्पष्ट हो।
-2 लाख तक कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से राशि दी जाए।
-फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए।
-मंडी में बेची गई उपज का दाम नकदी में हो।
दो साल पहले हुआ था बड़ा आंदोलन
6 जून 2017, वो तारीख, जिसने मध्यप्रदेश के इतिहास में दर्ज होकर एक गहरा जख्म छोड़ दिया था। कुछ भड़काऊ मोबाइल एसएमएस और सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेजेस से शुरू हुआ यह बवाल 7 लोगों की मौत और भयानक हिंसा के साथ खत्म हुआ था। पुलिस चौकियों को आग लगा दी गई थी, रेल की पटरियों को उखाड़ दिया गया था और सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों को फूंक दिया गया था।
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