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Wednesday, May 8, 2019

घर में बनाया क्लास रूम का माहौल, ब्लैकबोर्ड पर लिख-लिखकर की गई तैयारी ने दिलाई सफलता

भोपाल। सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए। बारहवीं की तरह इस बार भी सीबीएसई ने अचानक रिजल्ट घोषित कर सभी को चौंका दिया। सागर पब्लिक स्कूल के शौर्य श्रीवास्तव और मीठी गोविंदराम पब्लिक स्कूल के मृत्युजंय मेनारिया ने 500 में 496 अंक लाकर सिटी में संयुक्त रूप से टॉप किया है।

हालांकि राजधानी का कोई भी स्टूडेंट सीबीएसई की टॉप-100 की लिस्ट में जगह नहीं बना पाया। दोनों ही स्टूडेंट्स टॉप-100 में आने से एक अंक से चूक गए। टॉपर्स ने सेल्फ स्टडी को महत्व दिया। उन्होंने टीचर बनकर खुद से सवाल-जवाब किए तो ब्लैकबोर्ड पर लिख-लिखकर तैयारी की।

नंदना नायर

बचपन से कभी कोचिंग नहीं की

नाम - शौर्य श्रीवास्तव
परसेंटेज - 99.2 प्रतिशत

माक्र्स - 496
स्कूल - सागर पब्लिक स्कूल

मैंने बचपन से कभी कोचिंग नहीं की। कभी टॉपर्स को भी फॉलो नहीं किया। मैंने खुद का अपना पैटर्न बनाया। मैंने टीचर्स की पूरी मदद ली। पिछले 8 सालों के पेपर सॉल्व किए। दिसंबर से मैंने घर में एग्जाम हॉल का माहौल बनाया। हर सब्जेक्ट का तीन घंटे का पेपर सॉल्व करता। इसके बाद कॉपी टीचर से चेक कराता। यदि कोई गलती होती तो उस सब्जेक्ट की फिर से तैयार कर तीन घंटे का पेपर देता। स्कूल के बाद घर पर 6 से 7 घंटे पढ़ाई की। स्टडी करते वक्त पूरा फोकस उसी पर रखता था। प्वाइंटर्स को हाइलाइट करने के लिए कलर पैन का यूज करता था। खुद के नोट्स तैयार किए, उसी से पढ़ाई की। मुझे जब भी स्ट्रेस होता तो म्यूजिक सुनना या कॉमेडी शो देखना पसंद करता था। गिटार बजाना मुझे बहुत पसंद है। मेरा पापा सलिल श्रीवास्तव फॉर्मा बिजनेस करते हैं। मुझे बचपन से ही स्पेस के बारे में जानने का बहुत शौक है। मैं 11वीं में मैथ्स विषय लुंगा और आगे जाकर स्पेस साइंटिस्ट बनुंगा।

मृत्युजंय मेनारिया

आरबीआई का डिप्टी गर्वनर बनना चाहता हूं
नाम - मृत्युजंय मेनारिया

परसेंटेज - 99.2 प्रतिशत
माक्र्स - 496

स्कूल - मीठी गोविंदराम पब्लिक स्कूल
मैं 11वीं में कॉमर्स विथ मैथ्स लुंगा। मुझे आरबीआई का एग्जाम फाइल कर डिप्टी गर्वनर बनना है। मैं अंतिम दिनों की तैयारी में विश्वास नहीं रखता। इसलिए पहले दिन से ही तैयारी शुरू कर दी थी। खुद को रूम में क्लासरूम की तरह ब्लैक बोर्ड लगाया। उस पर लिख-लिखकर तैयारी करता। टॉपिक्स में जहां भी प्रॉब्ल्म होती। फ्रेंड्स या टीचर्स की सलाह लेता। दो से तीन घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की। कोचिंग की बजाए सेल्फ स्टडी पर मेरा विश्वास है। स्कूल में होने वाली टेस्ट सीरिज के लेवल-1 की बजाए लेवल-2 में शामिल होता था। एग्जाम में हर पेपर आधा घंटे पहले सॉल्व किया। मैं आसंर इस तरह लिखता कि बिगनर को भी पूरा कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाए। बड़े-बड़े उत्तर लिखने की बजाए प्वाइंटर के जरिए अपनी बात लिखता। खास प्वाइंट्स को हाईलाइट भी करता। इससे कॉपी चेकर पर अच्छा इंप्रेशन पढ़ता है और वह अच्छे माक्र्स देते हैं। इंग्लिश और सोशल साइंस में अच्छी वॉक्यूबेलेरी का यूज किया। अच्छी वोकेग नम्बरिंग में मदद करती है। मैंने एनसीईआरटी की बुक्स से तैयार की। मैं स्टूडेंट्स से कहना चाहता हूं अलग-अलग बुक्स से आधी-अधूरी तैयारी करने की बजाए एक ही बुक पर पूरा फोकस करना चाहिए।

अरुषि अग्रवाल

मुझे सेल्फ स्टडी पसंद है

नाम - अरुषि अग्रवाल

परसेंटेज - 99 प्रतिशत,
माक्र्स - 495

स्कूल- कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल, भेल
मेरे पापा राहुल अग्रवाल आर्किटेक्ट हैं। बचपन से ही मुझे सेल्फ स्टडी पसंद है इसलिए ट्यूशन नहीं गई। एनटीएसई-1 क्रेक किया है और अब लेवल-2 की तैयारी कर रही हूं। मेरा टारगेट जीरो एरर के साथ पेपर सॉल्व करना था। एग्जाम से पहले ही सैंपल पेपर्स सॉल्व करना शुरू कर दिए थे। इससे स्पीड और एक्यूरेसी दोनों में फायदा हुआ। जो भी गलतियां होती थी, हर दिन उन पर काम किया। पेपर सॉल्व कर टीचर्स से उसे चेक कराया। मैं कराटे में ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुकी हूं और कथक में सीनियर डिप्लोमा किया है। कथक में ग्रेजुएशन करूंगी। मैं पीसीए विषय लूंगी क्योंकि मुझे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की फील्ड में करियर बनाना है।

आकांक्षा सेहगल

गाने के साथ क्विज में लेती हूं भाग
नाम - आकांक्षा सेहगल
परसेंटेज - 98.6 प्रतिशत
माक्र्स - 493
मैथ्स में 100, संस्कृत में 100, साइंस में 100, सोशल साइंस में 97 और इंग्लिश में 96
स्कूल - सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल, ईदगाह हिल्स
मैंने रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई की। टयूशन के साथ-साथ घर पर भी पढ़ाई करती थी। मैंने स्कूल से कभी बंक नहीं मारा। मेरी स्कूल में 100 फीसदी अटेंडेंस है। मैथ्स, संस्कृत और साइंस में 100 में 100 माक्र्स है। मैं कल्चरल एक्टिविटी में भी लेती हूं। मुझे गाना गानें का शौक है। इसके साथ ही क्विज कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेती हूं और हमेशा अव्वल आती हूं। मैं आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हूं और देश के लिए कुछ करना चाहती हूं। अब मैं पीसीएम लेकर आईआईटी की तैयारी करूंगी।

नंदना नायर

दस सालों के पेपर सॉल्व किए

नाम - नंदना नायर
अंक - 98.8 प्रतिशत
माक्र्स - 494
स्कूल - कॉर्मल कॉन्वेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल, भेल
मेरे पापा एमएनसी में सेल्स एग्जीक्यूटिव हैं। मैंने पिछले दस सालों के पेपर सॉल्व किए। घर पर ही एग्जाम पैटर्न पर पेपर सॉल्व करती। इसके बाद यह देखती कि मैंने कहां-कहां गलतियां की है। अगली बार उन्हें दुरुस्त करने की कोशिश करती। स्कूल के बाद घर पर सात से आठ घंटे पढ़ाई की। एनसीईआरटी की बुक्स से तैयारी की। पेपर के दौरान मेरा पूरा फोकस प्रश्न हल करने पर होता था। पेपर कैसा जाएगा, इसके बारे में मैंने कभी तनाव नहीं लिया। इस कारण मुझ पर कभी प्रेशर नहीं रहता था। मैंने पीसीएम लिया है। मैं आगे जाकर आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हूं।

ओजस्वी नागायच

टॉपर्स की आंसर सीट से तैयारी की
ओजस्वी नागायच
परसेंटेज - 98.6 प्रतिशत
माक्र्स - 493
स्कूल - इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल
मेरे पापा उमाशंकर नागायच जवाहर बाल भवन में संचालक के पद पर कार्यरत हैं। एग्जाम के लिए शुरु से ही तैयारी की, रोजाना सभी सब्जेक्ट को पढ़ता था। रोजाना दो से तीन घंटे पढ़ाई करता है। साथ ही सोशल साइंस को सबसे ज्यादा ध्यान दिया। पिछले दो साल के पेपर्स को सॉल्व किए, साथ ही टॉपर्स की आंसर सीट के अनुसार तैयारी की। मैं पीसीएम सब्जेक्ट से पढ़ाई करूंगा। आईआईटी कर इंजीनियरिंग की फील्ड में करियर बनाना है।
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हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर परफॉर्मेंस दिया है। इस बार साइंस, लैग्वेंज और इंग्लिश के पेपर्स आसान रहे। स्कोरिंग सब्जेक्ट के पेपर आसान होने से स्टूडेंट्स का ओवरऑल परफॉर्मेंस भी बेहतर रहा। इस बार चेकिंग भी हमारी सोच की अपेक्षा काफी अच्छी रही। इससे भी परसेटेंज में काफी सुधार हुआ है।
शालिनी मूलचंदानी, चेयरपर्सन, जीवीएन द ग्लोबल स्कूल



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