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Sunday, April 21, 2019

प्रज्ञा ठाकुर की यातना को मानवाधिकार ने किया खारिज, चुनाव आयोग ने थमाए दो नोटिस

भोपाल. शहीद आइपीएस हेमंत करकरे को श्राप देने संबंधी विवादित बयान पर भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शनिवार को कहा कि 15-20 पुरुष पुलिसकर्मी बेल्ट से पीटें और ***** करके उल्टा लटकाएं, यह कहां का कानून है। मैंने अपने बयान पर माफी मांग ली है, लेकिन क्या आप उन लोगों से माफी मंगवा सकते हैं, जिन्होंने मुझे 9 साल पीडि़त किया।

उन्होंने मीडिया से कहा, करकरे पर दिया बयान देश का अंदरूनी मामला है। इसका फायदा वे पाक परस्त और आतंकी संगठनों को अशांति फैलाने के लिए नहीं करने देना चाहतीं। उन्होंने कहा, 1984 में सिखों पर जो अत्याचार हुआ, वो दंगे नहीं, हत्याकांड था और इसके दोषी यहां मुख्यमंत्री बने बैठे हैं। वे कैसे कह रहे हैं कि साध्वी का अंत क्या होगा। हिंदुत्व को आतंकवादी कहने वाले देश विरोधी हैं। उन्होंने आशंका जताई कि षड्यंत्रकारी उन्हें जेल भिजवा सकते हैं।

प्रज्ञा ठाकुर भाजपा पार्षद रश्मि द्विवेदी के निवास पर पहुंचीं। उन्हें सामान्य बर्तन में भोजन परोसा, लेकिन उन्होंने चांदी के बर्तन में भोजन किया। पूछने पर बोलीं, वे भिक्षु जैसे एक ही पात्र में भोजन ग्रहण करती हैं।
हिंदुत्व मेरी डिक्शनरी में नहीं : दिग्विजय

कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा, हिंदुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है। मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाकर भाजपा हिंदुत्व के एजेंडे पर काम रही है। इस पर दिग्विजय ने कहा, हिंदुत्व शब्द मेरी डिक्शनरी में ही नहीं है।

बाद में बयान पर मचे बवाल पर दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा, मैं हिंदू धर्म को मानता हूं, जो जीने की राह सिखाता आया है। मैं अपने धर्म को हिंदुत्व के हवाले कभी नहीं करूंगा, जो सत्ता पाने के लिए संघ का षड्यंत्र है। मुझे सनातन धर्म पर गर्व है, जो वसुदैव कुटुम्बकम की बात कहता है।

यातना की बात खारिज कर चुका मानवाधिकार आयोग

प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे और महाराष्ट्र एटीएस पर यातनाओं के जो आरोप लगाए हैं, उन्हें राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग 2015 में ही खारिज कर चुका है। प्रज्ञा के आरोप सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाईकोर्ट में भी साबित नहीं हुए। प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट मामले में अक्टूबर 2008 से अप्रेल 2017 तक जेल में रहीं। उन्हें यातना की शिकायत के बाद ही महाराष्ट्र जेल से भोपाल सेंट्रल जेल भेजा।

प्रज्ञा ने गुरुवार को आरोप दोहराए थे कि करकरे और उनकी टीम ने उन्हें यातनाएं दीं और उनके श्राप के बाद करकरे को आतंकियों ने मार डाला। 2014 में प्रज्ञा ने मानव अधिकार आयोग से शिकायत की थी। आयोग ने इसकी जांच के आदेश महाराष्ट्र के डीजीपी को दिए। आयोग ने जांच के बाद प्रज्ञा के आरोप नकार दिए थे। 

शीर्ष कोर्ट ने यह कहा

2011 में प्रज्ञा की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो अस्पतालों के डॉक्टरों ने प्रज्ञा की जांच की है और उन्हें प्रज्ञा के शरीर में चोट या जख्म के निशान नहीं मिले। नवंबर 2008 में प्रज्ञा ने आरोप लगाया था कि एटीएस ने उनके सहयोगी भीम पसरीचा पर दबाव बनाया कि वे प्रज्ञा पर हमला कर दें। कोर्ट ने पाया कि प्रज्ञा नासिक की कोर्ट में दो बार पेश हुईं थीं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया। 

प्रज्ञा को चुनाव आयोग ने थमाए दो नोटिस

विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने प्रज्ञा से 24 घंटे में जवाब मांगा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने शनिवार को नोटिस जारी किया। प्रज्ञा कारोड शो चुनाव आयोग की अनुमति नहीं मिलने पर स्थगित हो गया। देर रात आयोग ने राम मंदिर मामले में एक टीवी चैनल पर विवादित टिप्पणी करने पर नोटिस दिया है।  इसका जवाब भी उन्हें 24 घंटे में देना होगा। 

प्रज्ञा साध्वी नहीं हैं। उनका आचरण साधु-संतों जैसा नहीं है। मैं उन्हें नहीं जानता।
- शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

मुझे जो कहना था, पहले कह चुकी हूं। अब मुझे इस मामले में कुछ भी नहीं कहना है।
- प्रज्ञा ठाकुर, भाजपा प्रत्याशी



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