
भोपाल। प्रदेश में दौड़ रही जिगित्जा हेल्थ केयर की 150 एंबुलेंस कंडम हैं। इन एंबुलेंस की स्थिति इतनी खराब है कि इन्हें सड़क पर दौड़ाया नहीं जा सकता। यह खुलासा 108 एंबुलेंस सर्विस के मेडिकल ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में चल रहीं 606 एंबुलेंस में से 150 पूरी तरह कंडम हो चुकी हैं। अब इन एंबुलेंस की जगह नई एंबुलेंस लाई जााएगी। इनमें 25 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस और 125 सामान्य एंबुलेंस शामिल हैं। इसकी शुरुआत 13 जून से होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 35 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
तीन लाख किमी से ज्यादा चल चुकीं
जिन एंबुलेंस को बदलने का फैसला लिया गया है, वो तीन से पांच साल पुरानी हो चुकी हैं या फिर 3 लाख किमी से ज्यादा चल चुकी हैं।
जेपी अस्पताल की एंबुलेंस को भी 13 जून को नई एएलएस एंबुलेंस से रिप्लेस किया जाएगा। एनएचएम के मिशन संचालक एस.विश्वनाथन ने बताया कि पुरानी एंबुलेंस को रिप्लेस करने का काम लगातार चलता रहता है। इससे मरीजों को फायदा होता है।
क्वालिटी सर्विस नहीं देने पर 14 करोड़ की पेनल्टी
जरूरतमंदों को क्वालिटी सर्विस ना देने पर जिकित्जा को बीते एक साल में १४ करोड़ की पेनल्टी लगाई गई। यह पेनल्टी रिस्पॉस टाइम ठीक ना होना, गाडि़यां ऑफ रोड होना और ट्रिप टारगेट पूरा ना करने पर लगाई जाती है। जिकित्जा के प्रोजेक्ट हेड जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि उनकी गाडि़यां ऑफ रोड नहीं हैं, हालांकि अन्य कारणों से पेनल्टी जरूर लगी है।
पंचायत की आपत्ति के बाद भी लीज पर दे दी खदान:-
बरखेड़ानाथू में पत्थर की सात खदानों की लीज समय-समय पर दी जाती रही है। लेकिन आबादी नजदीक पहुंचने के कारण ग्राम पंचायत बरखेड़ा नाथू के सरपंच की तरफ से इन खदानों को बंद करने की मांग अधिकारियों से की जाती रही। इसके बाद भी खनिज विभाग ने तीन खदानों की लीज 2019 और एक की 2020 तक रिन्यू कर दी है। जबकि यहां की खदानों को लीज खत्म होने के बाद बंद करने की बात खुद विभाग के अधिकारी कह चुके हैं। रिन्यू की गई चार खदानों को लेकर ग्राम पंचायत की आपत्ति है कि ये खदान रिन्यू नहीं होनी थीं।
डंपर छोड़ भागा : खनिज निभाग की जांच के दौरान एक डंपर चालक सूखी सेवनिया के पास डंपर से कुद कर भाग गया। माइनिंग इंस्पेक्टर अशोक द्विवेदी डंपर थाने पहुंवाया। इसी के पीछे आ रहे एक और मुरम के डंपर को बिना रॉयल्टी रसीद के पकड़ा जिस पर कार्रवाई की गई है।
सूरज प्रसाद की खदान लीज लेकर कोई और संचालित कर रहा है, एक साल से इसके दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत को ये अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। जिन खदानों को 2017 के बाद बंद होना था, उनका रिन्यूवल भी 2019 तक कर दिया गया है।
- राम कुंवर मालवीय, सरपंच
ग्राम पंचायत को की आपत्ति के बाद बरखेड़ा नाथू की खदानें मार्च 2019में बंद हो जाएंगी। डिया ने भी इससे आगे खदानें चलाने की अनुमति नहीं दी है।
- राजेंद्र सिंह परमार, जिला खनिज अधिकारी
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