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भोपाल. बाबाआें को राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद प्रदेश में साधु-संतों को सत्ता का मोह सताने लगा है। करीब 10 बाबा कमंडल और चिमटा किनारे रखकर विधानसभा चुनाव के दंगल के लिए ताल ठोंक रहे हैं। कुछ बाबाओं ने तो जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है।
वहीं, कुछ धार्मिक आयोजनों के जरिए ही वोट की जुगाड़ में लगे हैं। बाबाआें को सबसे ज्यादा उम्मीद भाजपा है। क्योंकि, सरकार ने कंप्यूटर बाबा, योगेंद्र गिरी, अखिलेश्वरानंद को पिछले कुछ वर्षों में मंत्री का दर्जा दिया है। वहीं, साध्वी उमा भारती और योगी आदित्यनाथ भी मठ-अखाड़ों से निकलकर सीएम हाउस तक भाजपा के जरिए ही पहुंचे हैं। हालांकि, भाजपा से टिकट नहीं मिला तो ये बाबा कांग्रेस के डेरे में भी धूनी रमाने को तैयार हैं।
- चुनाव जरूर लड़ूगा: महंत प्रताप गिरी
महंत प्रताप गिरी ने रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे का एेलान किया है। वे क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। गिरी का कहना है कि वे किसी दल से टिकट मांगने नहीं जाएंगे। भाजपा टिकट देगी तो वह उनकी पहली प्राथमिकता होगी, लेकिन कांग्रेस से भी टिकट मिला तो चुनाव लड़ लेंगे। अगर किसी ने भी टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। गिरी किसी भी उत्पाद के पैकेट पर भगवान के चित्र छापने के खिलाफ भी अभियान चला रहे हैं। सिलवानी सीट से मंत्री रामपाल ङ्क्षसह विधायक हैं।
- भाजपा ही पहली पसंद : डॉ. अवधेशपुरी
डॉ. अवधेशपुरी ने उज्जैन दक्षिण से ताल ठोंकी है। उनकी पहली पसंद भाजपा है, लेकिन टिकट नहीं मिला तो किसी दूसरे दल से भी चुनाव लडऩे को तैयार हैं। अवधेशपुरी सिंहस्थ समन्वय समिति के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद उज्जैन के महामंत्री रहे हैं। रामचरित मानस पर पीएचडी करने वाले अवधेशपुरी ने हाल ही में प्रवीण तोगडि़या से भी चुनाव को लेकर मंत्रणा की है। उनका कहना है कि भाजपा धर्म का उपयोग करती है, लेकिन धार्मिक लोगों को अवसर नहीं देती। यदि अवसर दे तो समाज का कल्याण होगा। उज्जैन दक्षिण से फिलहाल भाजपा के मोहन यादव विधायक हैं।
- निर्दलीय उतरूंगा : योगी रविनाथ महिवाले
नाथ संप्रदाय के अनुयायी योगी रविनाथ महिवाले रायसेन जिले की उदयपुरा सीट के लिए तपस्या कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद इनकी उम्मीदें ज्यादा बलवती हुई हैं। योगी रविनाथ ने इस इलाके में नर्मदा से अवैध उत्खनन के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। वे निर्दलीय चुनाव लडऩा चाहते हैं। उदयपुरा से 1989 से 2003 तक रामपाल सिंह विधायक रहे, वर्तमान में यह सीट भाजपा के रामकिशन पटेल के पास है।
- सीएम कहेंगे तो विचार करूंगा : कंप्यूटर बाबा
नर्मदा संरक्षण समिति में सदस्य बनकर राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने वाले कंप्यूटर बाबा फिलहाल चुनाव नहीं लडऩा चाहते, लेकिन उनका कहना है कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदेश करेंगे तो फिर वे लडऩे के लिए विचार कर सकते हैं। कंप्यूटर बाबा ने 2014 में आम आदमी पार्टी से टिकट मांगा था। उस समय बाबा भाजपा के खिलाफ थे।
** यह भी हैं मैदान में
- सिवनी जिले की केवलारी से खड़ेश्वरी बाबा ताल ठोक रहे हैं। कंप्यूटर बाबा ने भाजपा में इनकी पैरवी की है।
- उज्जैन उत्तर से आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर का नाम भी चुनाव के लिए चर्चा में है।
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